
नई दिल्ली।लोकसभा चुनाव 2019 अपने चरम पर है। राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे को हराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं । इसी गहमा-गहमी के बीच कांग्रेस पार्टी के अंदर से एक ऐसी खबर आई जिसने कांग्रेस पार्टी की महिला सशक्तिकरण की नीति पर सवाल खड़ा कर दिया । दरअसल शुक्रवार दोपहर अचानक कांग्रेस पार्टी का चिरपरिचित चेहरा, पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि पार्टी में मेहनतकश कार्यकर्ताओं की अपेक्षा दबंग और बदमिजाज लोगों को ज्यादा तरजीह मिल रही है। चुनाव के सात चरण में से दो चरण समाप्त हो चुके हैं, पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए जिस तरह पार्टी से किनारा कर लिया, यह पार्टी के लिए किसी झटके से कम नहीं है। उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे खुद की लीडरशिप की असफलता बताया। इस पूरे मामले पर पार्टी की अन्य महिला सदस्यों का क्या मानना है, यह जानने के लिए हमने उनसे बातचीत की।
'पार्टी छोड़नी थी इसलिए बताया यह कारण'
प्रियंका चतुर्वेदी के इस्तीफे को राजस्थान की कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने उनका निजी फैसला बताया। उन्होंने कहा कि वो पार्टी में 20 सालों से कार्यरत हैं और उनके मुताबिक पार्टी में हमेशा महिलाओं का सम्मान होता है। अर्चना ने कहा कि, 'वो पार्टी की प्रवक्ता रहीं है और बड़े पदों पर रहकर सेवा दी है, उनके साथ कभी बुरा बर्ताव नहीं किया गया।' अर्चना का कहना है कि, 'यह मानव प्रवृत्ति होती है कि उन्हें अपने फैसले को समर्थन देने के लिए किसी कारण की जरूरत होती है। उन्हें (प्रियंका) पार्टी छोड़नी थी, इसलिए उन्होंने एक निजी कारण दिया।' अर्चना ने आगे कहा कि, 'पार्टी हमेशा महिलाओं को बढ़ावा देने में यकीन रखती आई है। अपने मेनिफेस्टो में भी पार्टी ने महिलाओं के लिए आरक्षण जैसे कई अहम मुद्दे उठाए हैं।
कांग्रेस के कारण घूंघट से निकलकर अहम फैसले ले रहीं हैं महिलाएं : फूलो देवी नेताम
इसके अलावा छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की महिला नेत्री फूलो देवी नेताम ने भी प्रियंका के इस्तीफे को उनका निजी कारण बताते हुए, पार्टी का बचाव किया। फूलो देवी का कहना है, 'कांग्रेस की नीतियों की वजह से आज भारतीय समाज में महिलाओं को सम्मान मिल रहा है। कांग्रेस द्वारा लागू किए गए पंचायती राज योजना के कारण ही जो महिलाएं घूंघट में रहने को मजबूर थीं, आज बड़े पदों पर बैठकर अहम फैसले ले रही हैं।' फूलो देवी से जब यह पूछा गया कि देशभर की महिलाओं के सम्मान की बात करने वाली कांग्रेस ने अपनी पार्टी की महिला सदस्य के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया तो उन्होंने कहा कि, 'पर्दे के पीछे छोटे-बड़े झगड़े चलते रहते हैं, जो हुआ उनका निजी मामला था। लेकिन अगर पार्टी की बात करूं तो यहां हमेशा महिलाओं के सम्मान को तवज्जो दी जाती है। पीएम से लेकर सीएम तक हर पद पर महिलाओं को आगे आने का मौका दिया जाता रहा है।'
शर्मिष्ठा मुखर्जी का टिप्पणी से इनकार
वहीं, इस मुद्दे पर जब हमने दिल्ली कांग्रेस की पूर्व मीडिया प्रभारी शर्मिष्ठा मुखर्जी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इसपर टिप्पणी देने से मना कर दिया।
Updated on:
19 Apr 2019 08:30 pm
Published on:
19 Apr 2019 08:24 pm
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