नफरत का जवाब नफरत से देना ठीक नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि संसद में जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया था तो उनकी ही पार्टी के कुछ सदस्यों को यह पसंद नहीं आया था। जर्मनी के हैम्बर्ग में अपने संबोधन में गांधी ने कहा कि नफरत का जवाब नफरत से देना बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘समस्या का समाधान करने के लिये आपको उसे स्वीकार करना होगा।’
मौसम विभाग का अलर्टः दिल्ली-एनसीआर समेत अगले 48 घंटे देश के 16 राज्यों में जमकर बरसेंगे बदरा ..तो मेरी पार्टी में नाराजगी हो गई शुरू राहुल गांधी ने भारत और पिछले 70 वर्षों में उसकी प्रगति के बारे में भी बोला। संसद में पिछले महीने मोदी सरकार पर तीखे हमले करने के बाद प्रधानमंत्री को गले लगाने के वाकये का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब संसद में मैंने प्रधनमंत्री मोदी को गले लगाया तो मेरी पार्टी के भीतर कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया।’ अहिंसा भारत के इतिहास का मूल मंत्र रहा है। यही भारतीय होने का अहसास है। अगर कोई आपसे नफरत करता है तो यह उसकी प्रतिक्रिया है।
शिवसेना को साधने के लिए मोदी और शाह के बाद अब इस नेता ने संभाली कमानकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि नफरत का जवाब नफरत से देना बेवकूफी भरा है। इससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। ‘मैं उन्हें कहना चाहता था कि दुनिया में सिर्फ बुरे लोग नहीं हैं। बहुत से लोग स्नेह में भरोसा रखते हैं। यह उन्हें पसंद नहीं आया…”