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Patrika Interview: राजस्थान में BJP क्या चेहरा घोषित कर लड़ेगी चुनाव, राज्य के प्रभारी अरुण सिंह ने दिया ये जवाब

locationनई दिल्लीPublished: Apr 14, 2022 03:33:07 pm

Submitted by:

Navneet Mishra

Rajasthan Assembly election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में BJP क्या चेहरा घोषित कर चुनाव लड़ेगी? क्या वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने अपना चेहरा घोषित करने की मांग को लेकर दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व से मीटिंग की थी? ऐसे कई सवालों के जवाब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने पत्रिका से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दिए।

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BJP के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह

पत्रिका ब्यूरो
नई दिल्ली। Rajasthan Assembly election 2023: BJP के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह पर बतौर प्रभारी 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कमल खिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। अरुण सिंह को भरोसा है कि भाजपा इस बार तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनाएगी। करौली हिंसा के पीछे पीएफआई और गहलोत सरकार की तुष्टीकरण का हाथ मानते हैं। राजस्थान में चुनावी तैयारियों को धार देने के लिए वे, अगले महीने मई में 10 दिनों का दौरा करेंगे। अरुण सिंह का दावा है कि कि राज्य के कई कांग्रेस नेता भाजपा में आने को तैयार बैठे हैं। पत्रिका के विशेष संवाददाता नवनीत मिश्र से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान उन्होंने चुनाव में चेहरे, गुटबंदी, पार्टी की रणनीति जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश।

सवाल- कौनसे कारण हैं, जिससे लगता है कि भाजपा 2023 में सरकार बनाएगी?
जवाब- गहलोत सरकार, जनता से किया हर वादा पूरा करने में विफल रही। न युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिला, न नौकरियां। राहुल गांधी ने 1 से 10 तक की गिनती गिनाकर सत्ता में आते ही 10 दिन में सभी किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था, आज तक नहीं हुआ। भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड टूट गया है। कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनता में गहरी नाराजगी है। हम तीन-चौथाई बहुमत से सरकार बनाएंगे।

सवाल- राजस्थान में भाजपा की क्या चुनावी तैयारी है?

जवाब- भाजपा ने जनता के मुद्दों पर बड़े जनांदोलन की तैयारी की है। मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलनों की रूपरेखा बनी है। हर महीने मंडल, 3 महीने पर जिला स्तर पर और 6 महीने में प्रदेश स्तर पर पार्टी आंदोलन करेगी। इस सिलसिले में अगले महीने राजस्थान में 10 दिनों का मेरा प्रवास है।

सवाल- राजस्थान में भाजपा क्या चेहरा घोषित कर चुनाव लड़ेगी?

जवाब- राजस्थान में पार्टी चेहरा घोषित करेगी या नहीं, इसका निर्णय पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड में होगा। 2017 के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनाव में हमने कोई चेहरा घोषित नहीं किया था, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता से प्रचंड बहुमत से दोनों राज्यों में सरकार बनी थी। वहीं, कुछ राज्यों में हम चेहरा घोषित कर भी चुनाव लड़ते रहे हैं।

सवाल- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हालिया दिल्ली दौरे पर शीर्ष नेतृत्व से भेंट की। क्या चुनाव में चेहरे को लेकर कोई बात हुई?

सवाल- हमारी पार्टी की वो(वसुंधरा राजे) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। संगठन हित में पदाधिकारियों की भेंट होती रहती है। उनका शीर्ष नेतृत्व से मिलना कोई बड़ी बात नहीं है। वसुंधरा जी, कभी चेहरा घोषित करने की बात को लेकर नहीं मिलीं।
सवाल-राजस्थान में प्रदेश भाजपा में कई बार गुटबंदी की शिकायतें सामने आतीं हैं? पार्टी इससे कैसे निबटेगी?

जवाब- भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। हमारे कार्यकर्ताओं में कुछ मुद्दों पर मतभेद हो सकता है, लेकिन मनभेद नहीं। कहीं कोई गुटबंदी नहीं है। सब समझते हैं कि संगठन से बड़ा कोई नहीं है।
सवाल- 2018 में पूर्वी राजस्थान में भाजपा बुरी तरह हारी थी। 39 में से सिर्फ 4 सीटों पर पार्टी सिमट गई थी। इस बार क्या रणनीति है?

जवाब-भाजपा का इस बार पूरा फोकस पूर्वी राजस्थान पर है। मेरा मानना है कि पूर्वी राजस्थान ही सरकार बनाने का द्वार खोलता है। पूर्वी राजस्थान के सभी जिलों में पार्टी के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं।
सवाल- कांग्रेस में गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच जारी आंतरिक कलह में क्या भाजपा अपना फायदा देखती है?
जवाब- देखिए, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अंतर्विरोध बहुत अधिक है। उनके बीच मतभेद नहीं मनभेद है। मनभेद कभी मनाने से नहीं दूर होने वाला। पायलट से लड़ाई के बीच गहलोत साहब, का पूरा ध्यान अपनी कुर्सी बचाने में ज्यादा रहा और सरकार चलाने में कम।

सवाल- करौली हिंसा की वजह से राजस्थान सुर्खियों में है। घटना का मूल कारण क्या है?

जवाब- गहलोत सरकार की तुष्टिकरण के कारण करौली हिंसा की घटना हुई। तुष्टीकरण इस हद तक है कि डीजे पर भजन कौन बजेगा, इसकी भी मंजूरी लेनी होती है।दूसरी तरफ हिंसा को बढ़ावा देने वाले संगठन पीएफआई को कोटा में बेधड़क रैली निकालने की अनुमति दी जाती है। राजस्थान की सीमा पाकिस्तान से लगती है, यहां पीएफआई की गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। भाजपा करौली हिंसा और पीएफआई की भूमिका पर तथ्य जुटाकर पूरी रिपोर्ट गृहमंत्रालय को देकर कार्रवाई की मांग करेगी।
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