
राहुल की चिट्ठी पर भाजपा का पलटवार, महिला आरक्षण विधेयक पास कराने के लिए रखी ये शर्त
नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा महिला आरक्षण की मांग को लेकर भाजपा ने जो शर्त रखी है, उसे भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने सही ठहराया है। उनका कहना है कि सरकार महिला सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर है। सरकार के लिए दोनों बिल ही बहुत महत्वपूर्ण हैं। सरकार चाहती है कि दोनों ही बिल जल्द पास हों। गौतलब है कि महिला आरक्षण की मांग उठाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने मोदी सरकार ने शर्त रख दी है। जिसमें मोदी सरकार ने राहुल गांधी से ट्रिपल तलाक और निकाह-हलाला जैसे मुद्दों पर संसद में समर्थन की मांग की है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खत लिखकर कहा कि हम महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हैं लेकिन कांग्रेस सिर्फ महिलाओं के लिए आरक्षण तक ही सीमित क्यों है, ट्रिपल तलाक और हलाला जैसे मुद्दे पर क्यों नहीं बोलती।
राहुल गांधी ने लिखी थी चिट्ठी
बता दें कि सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर दरख्वास्त की थी कि वह बुधवार से शुरू हो रही संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराएं। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा, 'मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप संसद के आगामी मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल को पारित कराने में मदद करें'।
20 साल से अटका है महिला आरक्षण बिल
सियासत में महिला भागीदारी कम होने का कारण है महिला आरक्षण बिल का 20 वर्षों से अटका हुआ है। ये बिल 1996 में पहली बार पेश हुआ था और 2010 में राज्यसभा से पास हो गया था लेकिन लोकसभा से पास नहीं हुआ है। विधेयक को पहली बार एचडी देवेगौड़ा सरकार ने 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में संसद में पेश किया। उसके कुछ ही दिन बाद देवेगौड़ा सरकार अल्पमत में आ गई और 11वीं लोकसभा को भंग कर दिया गया।
मानसून सत्र में ये बिल होंगे पेश
इन मुद्दों पर होगी चर्चा मानसून सत्र भी हंगामेदार रहने के आसार है। कई मुद्दों पर विपक्ष जहां सरकार को घेरता हुआ नजर आएगा वहीं सरकार भी सत्र को लेकर तैयार है। सत्र में सरकार को कई अध्यादेशों के संदर्भ में भी विधेयक पेश करना है। सरकार ने मानसून सत्र के लिए 15 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है।
Updated on:
18 Jul 2018 11:16 am
Published on:
17 Jul 2018 09:44 pm
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