जन्मभूमि पर ही बने भव्य राम मंदिर: भागवत
‘भविष्य का भारत : आरएसएस का दृष्टिकोण’ व्याख्यान समारोह के अंतिम दिन प्रश्नोत्तर सत्र में भागवत ने कहा कि भगवान राम भारत राष्ट्र के बहुसंख्य लोगों के लिए भगवान हैं लेकिन वे सिर्फ भगवान नहीं है। लोग उनको इमाम-ए हिंद मानते हैं। इसलिए मैं चाहूंगा कि जिस स्थान पर राम जन्मभूमि है उसी जगह भव्य राम मंदिर बने। भागवत ने कहा कि अगर ऐसा हो गया कि हिंदू और मुस्लिमों के बीच झगड़े का एक बड़ा कारण खत्म हो जाएगा। यह काम अगर सद्भावना से हुआ तो मुस्लिमों की ओर उठने वाली अंगुलियों में बड़ी कमी आएगी।
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गाय के नाम पर हिंसा में दोहरा मापदंड: संघ प्रमुख गौरक्षकों से जुड़े एक सवाल पर आरएसएस प्रमुख ने कहा कि गाय के नाम पर हिंसा के संदर्भ में ‘दोहरे मापदंड’ अपनाए जाते हैं। जब पशु तस्कर गौरक्षकों पर हमला करते हैं तो कोई ‘आवाज’ नहीं उठाता। उन्होंने यह भी कहा कि जो वास्तव में गाय की सेवा में संलिप्त हैं, जिनमें मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हैं और वे गौशाला को संभालती हैं, उन्हें लिंचिंग की घटनाओं के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु तस्करों पर हमले होते हैं। लिंचिंग पर हंगामा मचता है, लेकिन जब गौ तस्कर हमला करते हैं और हिसा में संलिप्त होते हैं, तो इसपर कोई आवाज नहीं उठाता। हमें इस दोहरे मापदंड से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय समेत किसी भी मुद्दे पर कानून अपने हाथ में लेना ‘अनुचित’ है और अपराध के लिए सजा दिए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘गौरक्षा तो होनी चाहिए।’