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Rajasthan political crisis: संकट में Sachin Pilot को आई इस दोस्त की याद, मदद के लिए किया फोन

Sachin Pilot ने Abhishek Manu Singhvi से कानूनी लड़ाई लड़ने को लेकर कानूनी मदद के लिए संपर्क किया Congress ने दो दिनों में विधायक दल ( Legislature Party Meeting ) की बैठकें बुलाकर पायलट से बैठक में भाग लेने की अपील की

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Rajasthan political crisis: संकट में Sachin Pilot को आई इस दोस्त की याद, मदद के लिए किया फोन

Rajasthan political crisis: संकट में Sachin Pilot को आई इस दोस्त की याद, मदद के लिए किया फोन

नई दिल्ली। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) ने अभिषेक मनु सिंघवी ( Abhishek Manu Singhvi ) से उन्हें (पायलट) और उनके समर्थक विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर जारी नोटिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने को लेकर कानूनी मदद ( Legal help ) के लिए संपर्क किया। जब आईएएनएस ने कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और जानेमाने वकील अभिषेक मनु सिंघवी ( Congress spokesperson Abhishek Manu Singhvi ) से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, "दो दिन पहले, उन्होंने मुझे फोन किया। वह एक अच्छे दोस्त हैं और मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है। मैंने उन्हें यह बताए बिना कि मैं विपक्षी पक्ष को सलाह दे रहा हूं, उनसे कहा कि उनके लिए सलाह देना मेरे लिए सम्मानजनक नहीं है।" सिंघवी ने कहा, "तो, हम दोनों हंस पड़े थे।"

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इस बीच, पायलट और उनके 18 वफादार विधायकों ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी द्वारा अयोग्यता का नोटिस जारी करने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया है। जहां पायलट ने राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया, वहीं कांग्रेस ने रणनीतिक रूप से दो दिनों में विधायक दल की दो बैठकें बुलाकर पायलट से बैठक में भाग लेने की अपील की। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस 10वीं अनुसूची के पैरा 2 के खंड (ए) को लागू करना चाहती है।

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वहीं, राजस्थान में कांग्रेस की कारवाई के बाद सचिन पायलट न तो पार्टी छोड़ने का फैसला ले पा रहे हैं और न ही आगे की रणनीति का खुलासा कर रहे हैं। पायलट को लेकर भाजपा भी पसोपेश में है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम माथुर और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया तक खुले तौर पर पायलट को पार्टी में आने का ऑफर दे चुके हैं, लेकिन भाजपा की वरिष्ठ नेता और पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की इस मसले पर चुप्पी से भाजपा उलझन में है।