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एससी-एसटी संशोधन बिल लोकसभा में पास, कांग्रेस बोली- ये सरकार की चुनावी चाल फिर भी हमारा समर्थन

मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में एससी-एसटी संशोधन बिल पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि इस विधेयक को लाने में बहुत देरी की गई। फिर भी हम विधेयक का स्वागत करते हैं और समर्थन करते हैं।

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Chandra Prakash Chourasia

Aug 06, 2018

SC-ST Bill

एससी-एसटी संशोधन बिल लोकसभा में पास, कांग्रेस बोली- ये सरकार की चुनावी चाल फिर भी हमारा समर्थन

नई दिल्ली। लोकसभा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2018 (एससी-एसटी बिल) पास हो गया है। इस के कड़े प्रावधानों को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि पर एससी-एसटी बिल के कड़े प्रावधान को बहाल करने में बहुत देरी करने आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने ऐसा चुनाव हारने के डर से किया है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि इस विधेयक को लाने में बहुत देरी की गई। हम विधेयक का स्वागत करते हैं और समर्थन करते हैं।

'सरकार का चुनावी चाल एससी-एसटी बिल'

मोदी सरकार पर चुनावी लाभ के लिए विधयेक लाने का आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा कि सरकार ने सोचा कि अगर हम यह विधेयक अब नहीं लाएंगे तो हमें चुनाव में इसके विरोध का सामना करना पड़ेगा।" खड़गे ने कहा कि यहां तक कि राजग के दलित सांसदों ने भी सरकार पर दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि आप पहले यह विधेयक लेकर क्यों नहीं आए? कांग्रेस ने 27 मार्च, 2018 को संसद स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरोध में प्रदर्शन किया था। अगर इसका जवाब चार माह पहले दे दिया गया होता, तो दलितों के साथ यह अन्याय नहीं होता।"

मेरी जाति में जन्म लेकर समझें पीड़ा: खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने दक्षिणपंथी ताकतों पर निशाना साधते हुए कहा, "एक तरफ आप हिंदुओं को संगठित करना चाहते हो, लेकिन दूसरी तरफ आप दलितों के साथ अत्याचार कर रहे हो। एक व्यक्ति मूंछ नहीं रख सकता, घोड़े पर नहीं चढ़ सकता। उन्हें कोड़े से मारा जाता है। उन्हें सार्वजनिक कुंओं का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि आप इसे तबतक नहीं समझोगे, जबतक आप मेरी जाति में जन्म नहीं लोगे।

'कार्पोरेट कंपनियों की मदद कर रही सरकार'

खड़गे ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मार्च में दिए गए आदेश ने वास्तविक अधिनियम को कमजोर करने का प्रयास किया, जिसे पूरे देश के दलितों ने 'अन्याय' माना। कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरे देश में इसको लेकर प्रदर्शन हुए। लोग जेल गए और कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। उन्होंने कहा कि वास्तविक कानून के प्रावधानों का बहाल करने का काम पहले अध्यादेश लाकर किया जा सकता था। विपक्ष के नेता ने कहा कि मार्च में इस वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने इस अधिनियम को कमजोर करने का आदेश दिया था। बीते छह माह में सरकार द्वारा छह अध्यादेश लाए गए। सरकार कार्पोरेट कंपनियों की मदद के लिए पहले अध्यादेश लाई, लेकिन देश के 24 प्रतिशत आबादी के साथ हो रहे अन्याय को रोकने के लिए अध्यादेश नहीं लाई।

'मोदी अंदर कुछ- बाहर कुछ'

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री कबीर दास, डॉ. बी.आर. आंबेडकर के बारे में बोलते हैं। उन्होंने कर्नाटक में बासवन्ना को याद किया, लेकिन अंदर से वह मनु में विश्वास करते हैं। आंबेडकर के बारे में खड़गे ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सभी लोग पहले भारतीय हों, अंत में भारतीय हों, भारतीय को छोड़ और कुछ न हों। और यह कांग्रेस थी, जिसने आंबेडकर और उनके सिद्धांतों का समर्थन किया था।

दलितों से वापस लिए जाए मामले

खड़गे ने कहा कि दो-तीन अप्रैल को प्रदर्शन करने वाले दलितों के खिलाफ दर्ज मामले को वापल लेना चाहिए और जो प्रदर्शनकारी जेल में बंद हैं, उन्हें तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एससी-एसटी कानून को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए।