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एमजे अकबर पर स्वामी का तंज, पद पर रहने वालों को नहीं करना मानहानि का मुकदमा

Published: Oct 18, 2018 06:08:40 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

एम जे पर अकबर ने 20 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है, जिसके बाद दवाब में आकर बुधवार को उन्होंने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।

subramanian swamy

एमजे अकबर पर स्वामी का तंज, पद पर रहने वालों को नहीं करना मानहानि का मुकदमा

नई दिल्ली। यौन शोषण के आरोपों में घिरे बीजेपी नेता एम.जे. अकबर की ओर से महिला पत्रकार प्रिया रमामी पर मानहानि के मुकदमे को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज कसा है। स्वामी ने बगैर नाम लिए कहा है कि सार्वजनिक पदों पर रहने वालों को मानहानि का केस नहीं करना चाहिए। अकबर ने 20 महिला पत्रकारों के आरोपों के बाद दवाब में आकर बुधवार को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।

एमजे अकबर पर स्वामी का तंज

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा है कि एक व्यक्ति के रुप में कह सकता हूं कि मैं कभी मेरे खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा नहीं हारा हूं। असल मायनों में जब शिकायत क्रॉस एक्जामिन होना शुरु होता है वही असली मानहानि होता है। सार्वजनिक पदों पर रहने वालों को मानहानि का केस नहीं करना चाहिए। जबतक मानहानि अपमानजनक रुप से और व्यापक रुप से झूठा नहीं माना जाता है।

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https://twitter.com/Swamy39/status/1052850939709837312?ref_src=twsrc%5Etfw

अकबर ने प्रिया रमानी पर किया था मानहानि का मुकदमा

बता दें कि केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए एम.जे. अकबर ने सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। रमानी ने मंत्री पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अकबर पर उनके साथ काम करने वाली कई महिला पत्रकारों ने उस समय यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जब वह संपादक हुआ करते थे। अकबर ने सभी आरोपों को झूठा और निराधारा बताया। अकबर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत रमानी पर मुकदमा चलाने की मांग की। अकबर ने आरोप लगाया कि रमानी ने पूर्णतया झूठे व ओछे बयान द्वारा जानबूझकर, सोच समझकर, स्वेच्छा से और दुर्भावनापूर्वक उन्हें बदनाम किया है, जिसने राजनीतिक गलियारे, मीडिया, दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों और समाज में व्यापक रूप से उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन इसके दो ही दिन बाद उन्होंने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में अकबर ने कहा कि मैंने निजी क्षमता से कानून की अदालत में न्याय पाने का निर्णय लिया है, इसलिए मैं पद से हट जाने को उचित मानता हूं और मैं मेरे विरुद्ध लगे आरोपों के खिलाफ निजी क्षमता से लड़ूंगा।

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