एमजे अकबर पर स्वामी का तंज
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा है कि एक व्यक्ति के रुप में कह सकता हूं कि मैं कभी मेरे खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा नहीं हारा हूं। असल मायनों में जब शिकायत क्रॉस एक्जामिन होना शुरु होता है वही असली मानहानि होता है। सार्वजनिक पदों पर रहने वालों को मानहानि का केस नहीं करना चाहिए। जबतक मानहानि अपमानजनक रुप से और व्यापक रुप से झूठा नहीं माना जाता है।
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अकबर ने प्रिया रमानी पर किया था मानहानि का मुकदमा
बता दें कि केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए एम.जे. अकबर ने सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। रमानी ने मंत्री पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अकबर पर उनके साथ काम करने वाली कई महिला पत्रकारों ने उस समय यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जब वह संपादक हुआ करते थे। अकबर ने सभी आरोपों को झूठा और निराधारा बताया। अकबर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत रमानी पर मुकदमा चलाने की मांग की। अकबर ने आरोप लगाया कि रमानी ने पूर्णतया झूठे व ओछे बयान द्वारा जानबूझकर, सोच समझकर, स्वेच्छा से और दुर्भावनापूर्वक उन्हें बदनाम किया है, जिसने राजनीतिक गलियारे, मीडिया, दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों और समाज में व्यापक रूप से उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन इसके दो ही दिन बाद उन्होंने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में अकबर ने कहा कि मैंने निजी क्षमता से कानून की अदालत में न्याय पाने का निर्णय लिया है, इसलिए मैं पद से हट जाने को उचित मानता हूं और मैं मेरे विरुद्ध लगे आरोपों के खिलाफ निजी क्षमता से लड़ूंगा।