तेजस्वी यादव ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कहा कि देश में आरक्षण खत्म करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा से आरएसएस के एजेंडे का विरोध किया है। लेकिन, देश में जो भी आरक्षण से खेलेगा उसके लिए खतरा होगा।
पढ़ें- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव से पहले फोड़ा आरक्षण बम गौरतलब है कि मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम मे कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उन लोगों के बीच इस पर सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए।
भागवत ने कहा था कि उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी, लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई। भागवत के बयान पर विपक्ष ने जमकर हमला बोला। वहीं, पटना लौटते ही तेजस्वी यादव ने भी भागवत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
यहां आपको बता दें कि विगत 9 जुलाई से तेजस्वी यादव पटना से बाहर थे। मानसून सत्र से भी तेजस्वी गायब रहे। तेजस्वी के गायब होने के कारण आरजेडी ने विधायक दल की बैठक भी स्थगित कर दी। इतना ही नहीं कई नेता भी तेजस्वी से खफा हैं।
आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा था कि मेरी कौन सुन रहा है। तेजस्वी को आरजेडी की बैठकों में रहना चाहिए था। अब वह कहां हैं, मुझे नहीं पता। इसके अलावा कई नेताओं ने तो तेजस्वी से इस्तीफा तक मांगा था।
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि जमीनी स्तर पर हमलोग मेहनत कर रहे हैं। लेकिन, जब सीएम पद की शपथ लेने की बारी आएगी तब तेजस्वी पटना लौट आएंगे। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद आरजेडी के कई नेता तेजस्वी यादव से नाराज हो गए थे। कुछ नेताओं ने तो पार्टी तक छोड़ दिया।
वहीं, तेजस्वी यादव खुद नदारद हो गए थे। अब देखना यह है कि बिहार वापसी के बाद तेजस्वी यादव की राजनीति किस करवट बैठती है।