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तो इस वजह से हर पकवान में मीठा डालते हैं गुजराती

राहुल गांधी के गुजराती खाने पर टिप्पणी के बाद से गुजराती व्यंजन इस समय चर्चा का विषय है।

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Pradeep Kumar Pandey

Dec 07, 2017

gujarati thali

नई दिल्ली। भारतीय व्यंजनों की जितनी वैरायटी है,उतने ही दुनियाभर में इसके प्रशंसक ।पूरी दुनिया के लोग भारतीय खाने की तारीफ करते नहीं थकते। देश के हर शहर के अपने कुछ खास पकवान है,जिनके बनाने के तरीके भी शहरों के हिसाब से अलग-अलग है। इन्ही विविधताओं के बीच गुजरात राज्य के व्यंजनों की भी अपनी ही एक खास लोकप्रियता है। राहुल गांधी के गुजराती खाने पर टिप्पणी के बाद से यह इस समय चर्चा का विषय है।

स्वाद और सेहत से भरपूर है गुजराती व्यंजन
गुजराती व्यंजन अधिकतर शाकाहारी और सरल होते हैं। जिन्हे अधिकतर दाल और अनाज का प्रयोग कर के बनाया जाता है। हालांकि गुजरात में काफी फैला हुआ तटीय क्षेत्र जिसके वजह से वहां मछलियों की आपूर्ति मं भी कोई कमी नहीं फिर भी ज्यादातर लोग जैन धर्म का पालन करने वाले हैं, जिसके अनुसार मांसाहारी भोजन खाना निषिद्ध है। गुजराती शाकाहारी खाना पकाने की कला में माहिर हैं। वहां सरल सामग्रियों से सबसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाया जा सकता हैं और इसमें एक विशाल विविधता है। हींग गुजराती भोजन का एक अभिन्न अंग है।गुजराती व्यंजन में स्वाद, प्रस्तुति और खाना पकाने की तकनीकों के बारे में काफी कुछ बताया जाता है। एक सामन्य गुजराती भोजन में गेहूं के आटे या बाजरे के आटे से बनी रोतली या ब्रेड, एक शाक या सब्ज़ी का पकवान, दाल, चावल,छांछ का एक ग्लास और एक मिठाई होता है।

इस वजह से मिलाया जाता है गुजराती पकवान में मीठा
इस क्षेत्र की सभी व्यंजनों में एक खासियत होती है कि उनमें मिठास होती है, और यह इसलिये क्योंकि गुजराती पकवान में गुड़ का प्रयोग किया जाता है। इस बारें में बताया जाता है कि गुजरात समुद्री तट पर है, जिसके चलते वहां का पानी खारा(नमकीन) होता है। खारे पानी से बने भोजन स्वाद में अजीब होते है, इसके समाधान स्वरुप गुजराती लोग खाने में चीनी या गुड़ मिलाते हैं। साथ ही गुजरात में तापमान सामन्य रूप से अधिक होता है, इसलिए खाने में मीठा होने से डिहाइड्रेशन कि समस्या से भी छुटकारा मिलता है।

विदेश में भी मिलते हैं गुजराती व्यंजन
गुजराती खाना बहुत ही स्वस्थवर्धक भी होता है। खाखरा और थेपला अधिकतम स्वस्थ होते हैं और यह आजकल भारत में ही नहीं विदेशों में भी दुकानों में आसानी से उपलब्ध हैं। पोषण के सभी तत्त्व जैसे कार्बोहायड्रेट्स्, प्रोटीन्स्, फैट्स्, विटामिन्स् और मिनरल्स् गुजराती चपाती, चावल, सब्ज़ियां , दाल, सलाद, मीठा और दूध की पदार्थों में मिलते हैं। एक पूर्ण गुजराती मील स्वाद के साथ साथ अच्छे स्वस्थ का भी वादा करता है।

गुजरात के कुछ प्रसिद्ध व्यंजन
धोकला: बेसन से बना यह स्नैक पुरे विश्व में लोकप्रिय है। इसका प्रयोग बहुत बार गुजरातियों को बुलाने के लिये किया जाता है। इस मीठे, तीखे और नमकीन स्नैक को दिन के किसी भी समय खाया जाता है।

फाफड़ा: ये तले हुये बेसन के मसालेवाले से बने हुये लम्बे स्ट्रिप्स् गुजरात के सबसे लोकप्रिय ब्रेकफास्ट आइटम में से एक हैं। इन्हे चटनी और जलेबियों के साथ परोसा जाता है।

खान्डवी: यह बेसन और दही के मिश्रण से बना एक नमकीन स्नैक है जिसे बाद में तिल के दाने और सरसों के दानों से तड़का मारकर, धनिया पत्ते और नारियल से सजाकर परोसा जाता है।

दूधी ना मुठिया: ये कसे हुये दूधी/लौकी, बेसन, आटा और कुछ मजेदार मसालों से बने होते हैं। इन्हे एक स्नैक की तरह खाने के साथ-साथ किसी मील के साथ भी खाया जा सकता है।

थेपला: ये रोटियों की तरह ही होते हैं, बस इनमें ताजे मेथी के पत्ते और मसाले भी डाले जाते हैं। इन्हे अधिकतर एक मीठे कसे हुए आम के अचार या चटनी, के साथ खाया जाता है।

दाल ढोकली: ये अपने आप में ही एक सम्पपूर्ण मील होता है। रोटी की तरह चपटी, मसालेदार आटे के के टुकड़ों को एक गाढ़े मीठे और तीखे दाल में सोखा जाता है।

ओसामन: पानी जैसी पतली, पर स्वाद और पोषण से भरी गुजरात की एक रेसिपी।

मोहनथाल: हर टुकड़े में बसे ड्राइड फ्रूट्स से बना एक स्वादिष्ट बेसन की बर्फी।

यह सब पढ़ने के बाद आप भी मान गए होंगे की गुजराती खाना वाकई में स्वाद और सेहत का परफेक्ट मिश्रण है। और इतना स्वादिष्ट खाना हो तो कोई भी खा खाकर मोटाभाई बन जाये।