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अवैध उत्खनन के खिलाफ तीन विधायकों ने खोला मोर्चा, दो खड़े रहकर कराई जांच

खनिज विभाग और राजस्व विभाग ने की गिट्टी खदान की नपतीभोजा खेड़ी में गिट्टी खदान की जांच के लिए पहुंचा अमला, खंडवा और पंधाना विधायक खुद मौके पर पहुंचे

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Three MLAs opened front against illegal mining

Three MLAs opened front against illegal mining

खंडवा. जिले में खनिज विभाग की लापरवाही से जमकर अवैध उत्खनन हो रहा है। बालू रेत, काली रेत, गिट्टी की खदाने बिना रायल्टी के खोदी जा रही है। लंबे समय से चल रहे अवैध उत्खनन के मामले में जिले के तीन विधायकों की शिकायत के बाद गुरुवार को कलेक्टर के निर्देश पर भोजाखेड़ी स्थित गिट्टी के्रशर की जांच के लिए अमला पहुंचा। खनिज, राजस्व अमले के साथ खंडवा, पंधाना विधायक ने खड़े रहकर नपती करवाई। दोपहर से शुरू हुई कार्रवाई रात ८ बजे तक जारी रही। बचे हुए नपती कार्य को अब शुक्रवार किया जाएगा।
जिले के तीन विधायकों राम दांगोरे, देवेंद्र वर्मा और नारायण पटेल ने जिले में चल रहे अवैध उत्खनन को लेकर संयुक्त रूप से खनिज मंत्री से शिकायत की थी। जिसमें बंसल बंधुओं की ग्राम पंचायत भोजाखेड़ी, ग्राम पंचायत रूधी के ग्राम वीरपुर कुंडलेश्वर, पंधाना की ग्राम पंचायत बरखेड़ी के ग्राम गौराडिया, ग्राम पंचायत देशगांव में उत्खनन स्वीकृत मात्रा अधिक अवैध उत्खनन होने की शिकायत की थी। जिसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम डॉ. ममता खेड़े, खंडवा तहसीलदार प्रतापसिंह अगास्या, पंधाना प्रभारी तहसीलदार विजय सैनानी, जनपद खंडवा सीईओ महेंद्र सिंह घनघोरिया, खनिज अधिकारी सचिन वर्मा को जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद गुरुवार को पूरा अमला भोजाखेड़ी में के्रशर पर जांच के लिए पहुंचा था।

पहले जिपं अध्यक्ष ने भी की थी शिकायत
इन खदानों में अवैध उत्खनन को लेकर छह माह पूर्व भी जिला पंचायत अध्यक्ष हसीना बाई भाटे द्वारा कलेक्टर को शिकायत की गई थी। तब जिपं अध्यक्ष ने ग्राम पंचायत देशगांव-भोजाखेड़ी की उत्खनीत पट्टा स्वीकृति के दस्तावेजों की जांच एवं संचालित गिट्टी के्रेशर मशीन के विद्युत बिलो की जांच की की मांग की थी। साथ ही शासन के नियमानुसार सीसीटीवी कैमरों की जांच करवाकर ग्राम देशगांव व भोजाखेड़ी में हुए उत्खनन से बने तालाब नुमा गड्ढे की लंबाई, चौढ़ाई व गहराई की नप्ती करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर राजस्व हानि की वसूली करने की मांग भी की गई थी। इस मामले के सारे दस्तावेज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय खनिज मंत्री व अन्य को भी भेजे गए थे।