
लोकसभा चुनाव 2024 में अब कुछ महीनों का वक्त बचा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष JP नड्डा ने अपनी नई टीम का ऐलान किया हैं। जैसे ही पार्टी ने नए नामों का ऐलान किया इसमें दो नाम ऐसे है, जिसे सुनकर लोग चौंक गए। लोकसभा और राज्यसभा में एक भी मुस्लिम सांसद न होने वाली पार्टी ने अपने पार्टी में दो मुस्लिम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए है। इनमें से एक अब्दुल्ला कुट्टी और एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर तारिक मंसूर का नाम शामिल है। आइए जानते है कि चुनाव में मुस्लिमों को टिकट देने से बचने वाली BJP अब उन्हें पार्टी में जगह क्यों दे रही है? लेकिन पहले जान लेते है कि ये दोनों मुस्लिम नेता कौन है?
कौन है अब्दुल्ला कुट्टी?
अब्दुल्ला कुट्टी को भाजपा ने आज अपना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया हैं। कुट्टी मूल रूप से केरल के रहने वाले है। इसके साथ ही वह लोकसभा के सदस्य भी रह चुके है। फिलहाल वह भारतीय हज समिति अध्यक्ष है।
वह लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। पार्टी दक्षिण भारत में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।इस दौरान उसे वहां एक मजबूत मुस्लिम नेता की जरूरत है। ऐसे में कुट्टी पार्टी की पहली पसंद हैं।
मुसलमानों पर मेहरबानी के पीछे क्या है कारण?
बता दें कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। भाजपा को अब भी देश के मुसलमान खुद का विरोधी पाते है। मुसलमानों का मानना है कि भाजपा सरकार में उनके साथ ज्यादती होती है। पार्टी अपने इसी छवि को तोड़ना चाहती है।
बीजेपी का मानना है कि केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का ज्यादातर लाभ पसमांदा मुसलमानों को मिलता है। अगर वह साथ आ गए तो चुनाव जीतने में आसानी हो जाएगी। 2019 में देखा गया कि पार्टी कुछ सीटों पर मामूली वोट के अंतर से हार गई थी और उन सीटों पर पिछड़े समाज के मुस्लिम निर्णायक भूमिका में थे।
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Published on:
29 Jul 2023 02:51 pm
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