
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत के पुणे दौरे के दौरान उद्धव खेमे में बड़ी टूट देखने को मिली। लगातार दूसरी बार राउत के दौरे के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के कई नेताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी को अलविदा कह दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उद्धव गुट के 400 से 500 कार्यकर्ता, शाखा प्रमुख और विभाग प्रमुख उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हुए है। इसके लिए बालासाहेब भवन में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इस पार्टी प्रवेश में शिवसेना के पुणे शहर अध्यक्ष नाना भांगिरे और मंत्री भरत गोगवले शामिल हुए। उद्धव गुट के शाखा अध्यक्ष और विभाग प्रमुख के शिवसेना में शामिल होने के बाद 31 जनवरी को पुरंदर में एकनाथ शिंदे की सभा में कुछ और नगरसेवक धनुष-बाण उठाएंगे।
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव को लेकर एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने ‘ऑपरेशन टाइगर’ शुरू किया है। कुछ दिन पहले शिवसेना नेता व मंत्री उदय सामंत ने ऑपरेशन टाइगर शुरू होने की जानकारी दी थी। इसी क्रम में उद्धव गुट के कई बड़े नेता पाला बदलकर शिंदे खेमे में आ चुके है। इससे स्थानीय चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है।
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने पिछले दो महीने में दो बार पुणे का दौरा किया। इन दोनों दौरों के बाद ठाकरे की शिवसेना के नेताओं-पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ी। राउत के पहले दौरे के बाद पांच पूर्व नगरसेवकों ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया. इस बार भी बड़े पैमाने पर दलबदल हो रहा है।
पुणे में संजय राउत ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक की। इस दौरान राउत ने कहा कि पार्टी की पुणे इकाई में जल्द ही संगठनात्मक बदलाव किया जाएगा। बैठक में संजय राउत ने संकेत दिया कि उद्धव ठाकरे पार्टी में बड़ा बदलाव करने वाले हैं।
शिवसेना (UBT) के पुणे के पांच पूर्व नगरसेवकों ने उद्धव की पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसमें विशाल धनवड़े, बाला ओसवाल, प्राची आल्हट, पल्लवी जावले और संगीता ठोसर शामिल है, जो जनवरी की शुरुआत में मुंबई में बीजेपी में शामिल हो गए थे। निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच पांच पूर्व नगरसेवकों के पार्टी छोड़ने के बाद उद्धव ठाकरे अधिक सक्रिय हो गए हैं।
Updated on:
30 Jan 2025 01:16 am
Published on:
30 Jan 2025 01:13 am
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