SP-BSP ने राजनीतिक सौदेबाजी की: योगी
सीएम योगी ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन होती है। हमें जनता का फैसला स्वीकार है। योगी ने सपा और बीएसपी के गठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यूरी में सपा और बीएसपी ने राजनीतिक सौदेबाजी की है। हम इस बेमेल गठबंधन को समझमने में हमने कमी छोड़ दी थी। इसके साथ ही कम मतदान को भी योगी ने हार का एक कारण गिनाया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के नतीजे हमारे लिए सबक है, हम इसकी समीक्षा करेंगे।
सीएम योगी ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन होती है। हमें जनता का फैसला स्वीकार है। योगी ने सपा और बीएसपी के गठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यूरी में सपा और बीएसपी ने राजनीतिक सौदेबाजी की है। हम इस बेमेल गठबंधन को समझमने में हमने कमी छोड़ दी थी। इसके साथ ही कम मतदान को भी योगी ने हार का एक कारण गिनाया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के नतीजे हमारे लिए सबक है, हम इसकी समीक्षा करेंगे।
नतीजों से योगी बड़ा को धक्का
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी को उपचुनाव में समर्थन का ऐलान किया था। सपा और बसपा का जनाधार भाजपा पर भारी पड़ गया। बीजेपी दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों में हार गई। यह संभावित हार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के लिए एक बड़ा धक्का साबित होगी। फूलपूर और गोरखपुर में रविवार को मतदान हुआ था।
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी को उपचुनाव में समर्थन का ऐलान किया था। सपा और बसपा का जनाधार भाजपा पर भारी पड़ गया। बीजेपी दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों में हार गई। यह संभावित हार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के लिए एक बड़ा धक्का साबित होगी। फूलपूर और गोरखपुर में रविवार को मतदान हुआ था।
मोदी और योगी स्वीकार करें हार: सपा
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ को अस्वीकार किया जाना है। 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से इन दोनों सीटों पर अचानक बीजेपी के खिलाफ हुए मतदाताओं के रुख पर उन्होंने कहा कि उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। भाजपा ने 2014 में राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर जीत हासिल की थी। उसके सहयोगियों ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा ने पांच सीटें अपने नाम की थी जबकि कांग्रेस और बसपा अपना खाता खोलने में नाकाम रही थीं।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ को अस्वीकार किया जाना है। 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से इन दोनों सीटों पर अचानक बीजेपी के खिलाफ हुए मतदाताओं के रुख पर उन्होंने कहा कि उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। भाजपा ने 2014 में राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर जीत हासिल की थी। उसके सहयोगियों ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा ने पांच सीटें अपने नाम की थी जबकि कांग्रेस और बसपा अपना खाता खोलने में नाकाम रही थीं।
गोरखपुर में काउंटिग पर विवाद
गोरखपुर के जिला अधिकारी राजीव रौतेला ने मतगणना केंद्रों पर पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था और पहले दो चरण के बाद वोटों की संख्या को जारी नहीं किया था। लेकिन, बाद में उन्होंने संवाददाताओं को हर दौर की गिनती की जानकारी दी। सपा कार्यकर्ताओं ने फूलपूर और गोरखपुर में जश्न मनाया जबकि भाजपा खेमे में सन्नाटा पसर गया है।
गोरखपुर के जिला अधिकारी राजीव रौतेला ने मतगणना केंद्रों पर पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था और पहले दो चरण के बाद वोटों की संख्या को जारी नहीं किया था। लेकिन, बाद में उन्होंने संवाददाताओं को हर दौर की गिनती की जानकारी दी। सपा कार्यकर्ताओं ने फूलपूर और गोरखपुर में जश्न मनाया जबकि भाजपा खेमे में सन्नाटा पसर गया है।
ऐसे खाली हुई थी फूलपुर और गोरखपुर सीटें
बता दें कि फूलपुर और गोरखपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के लोकसभा से इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। रविवार को दोनों ने अपने-अपने संसदीय क्षेत्र से वोट डाला। साथ ही अपनी पार्टी के दोनों उम्मीदवारों की जीत के दावे किए। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेकेंटेश्वर लू के अनुसार सायंकाल 5 बजे तक 51-फूलपुर लोकसभा में 37.39 तथा 64-गोरखपुर लोकसभा में 43 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि बीते लोकसभा चुनाव-2014 में 51-फूलपुर लोकसभा में 50.16 व 64-गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में 54.65 प्रतिशत मत पड़े थे। बता दें कि इस उप चुनाव में 3 महिला मसेत 32 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। जिनके लिए लगभग 39.13 लाख (21.51 लाख पुरुष तथा 17.61 लाख महिलाएं) मतदाताओं को वोट करना था।
बता दें कि फूलपुर और गोरखपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के लोकसभा से इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। रविवार को दोनों ने अपने-अपने संसदीय क्षेत्र से वोट डाला। साथ ही अपनी पार्टी के दोनों उम्मीदवारों की जीत के दावे किए। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेकेंटेश्वर लू के अनुसार सायंकाल 5 बजे तक 51-फूलपुर लोकसभा में 37.39 तथा 64-गोरखपुर लोकसभा में 43 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि बीते लोकसभा चुनाव-2014 में 51-फूलपुर लोकसभा में 50.16 व 64-गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में 54.65 प्रतिशत मत पड़े थे। बता दें कि इस उप चुनाव में 3 महिला मसेत 32 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। जिनके लिए लगभग 39.13 लाख (21.51 लाख पुरुष तथा 17.61 लाख महिलाएं) मतदाताओं को वोट करना था।