नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरुण गाधी ने पिछले एक दशक में सांसदों का वेतन 400 फीसदी बढ़ने का मुद्दा उठाते हुए मंगलवार को कहा कि उनके वेतन के नियमन के लिए एक बाह्य संवैधानिक संस्था के गठन किया जाना चाहिए। वरुण गांधी ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऐसे समय में जब तमिलनाडु में किसान आत्महत्या कर चुके अपने ही साथियों की खोपड़ी लेकर प्रदर्शन करने को विवश हैं, तब तमिलनाडु के विधायकों ने अपना वेतन बढ़ाकर दोगुना कर लिया है। उन्होंने कहा कि 1952 में केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में सांसदों ने तीन महीने तक वेतन नहीं लेने का फैसला किया था।