
West Bengal: CM Mamata Banerjee Announced To Formed Commission To Investigate Pegasus Spyware Case
कोलकाता। पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष पेगासस जासूसी विवाद पर सड़क से लेकर संसद तक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और लगातार जांच की मांग कर रही है। इस बीच अब पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
पेगासस स्पाइवेयर विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है। सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित विपक्षी नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली की अपनी निर्धारित यात्रा से पहले यह घोषणा की।
मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए सीएम ममता ने कहा, "पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से, न्यायपालिका और नागरिक समाज सहित सभी पर नजर रखी गई है। हमें उम्मीद थी कि संसद सत्र के दौरान, केंद्र सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में मामले की जांच करेगा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पेगासस विवाद पर जांच शुरू करने वाला पश्चिम बंगाल पहला राज्य है।"
दो जजों के नेतृत्व में होगी जांच
बनर्जी ने कहा, "वरिष्ठ न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य के नेतृत्व में हमने आयोग की शुरुआत की है। वे अवैध हैकिंग, निगरानी, निगरानी, मोबाइल फोन की रिकॉर्डिंग आदि की निगरानी करेंगे।" उन्होंने बताया कि जांच अधिनियम (1952) के तहत आयोग का गठन किया गया है।
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग कर एक अज्ञात एजेंसी द्वारा निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की लीक सूची में कई भारतीय राजनेताओं, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए हैं। बता दें कि, पेगासस के जरिय जासूसी किए जाने वालों में ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी का नाम भी शामिल है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि बंगाल चुनाव के दौरान अभिषेक बनर्जी की जासूसी की गई है।
Updated on:
26 Jul 2021 05:27 pm
Published on:
26 Jul 2021 05:20 pm
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