
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) में भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। नेताओं का लगातार तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) में शामिल होने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को बीजेपी विधायक बिस्वजीत दास ( Biswajeet Das ) ने भी टीएमसी का दामन थाम लिया। दास के टीएमसी में शामिल होने के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी विधायकों की संख्या 72 हो गई है।
नेताओं के इस तरह दल बदलने पर बीजेपी खेमे में ही हलचल बढ़ गई है। यही वजह है कि पार्टी इस पर लगाम लगाने और नेताओं में भरोसा बढ़ाने की तैयारी में जुटी है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ( Suvendu Adhikari ) ने बड़ा कदम उठाया है।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस लगातार बीजेपी को झटके दे रही है। मंगलवार को एक और बीजेपी विधायक बिस्वजीत दास टीएमसी में शामिल हो गए। टीएमसी में शामिल होने पर, बगदाह के बीजेपी विधायक बिस्वजीत ने कहा कि वह भाजपा में काम नहीं कर सकते थे, जिसके लिए उन्होंने टीएमसी में वापसी की थी।
बीजेपी में अंदरुनी कलह बनी मुश्किल
टीएमसी का दामन थामने के बाद बिस्वजीत ने कहा, बीजेपी में अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है। भगवा खेमे में लोगों के लिए काम करने का माहौल नहीं है।
दास ने कहा कि, ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) एक राष्ट्रीय शख्सियत के रूप में उभरी हैं और उनका कोई विकल्प नहीं है। यही वजह है कि टीएमसी में शामिल होकर लोगों के लिए काम कर सकता हूं।
बता दें कि दास के अलावा बीजेपी के दो नेता अन्य नेता मनोतोष नाथ और सुब्रत पाल भी मंगलवार को टीएमसी में वापस आ गए।
बीजेपी खेमे में हलचल
इस विधायकों को पार्टी छोड़ने से बीजेपी खेमे में भी हलचल बढ़ गई है। इस बीच, विपक्ष के नेता, सुवेंदु अधिकारी ने दलबदल विरोधी कानूनों के संबंध में दलबदल भाजपा विधायकों को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए उन्होंने बागी विधायकों से एक हफ्ते में जवाब मांगा है। सुवेंदु ने कहा है कि, जिस तरह नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं ये चिंता का विषय है।
दरअसल भाजपा के दो सांसद जगन्नाथ सरकार और निसिथ प्रमाणिक ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा था और राणाघाट और दीनाहाटा से सीटें जीतने के बाद अपने सांसद पदों को बनाए रखने के लिए उपचुनाव के लिए सीटें खाली करनी पड़ी थीं।
इन दो सांसदों के बाहर होने के साथ ही भाजपा के विधायकों की कुल संख्या 75 हो गई और भाजपा कृष्णानगर (उत्तर) मुकुल रॉय के टीएमसी में फिर से शामिल होने के बाद यह संख्या और कम हो गई और बिष्णुपुर के विधायक तन्मय घोष के सोमवार को दलबदल और बिस्वजीत दास के मंगलवार को टीएमसी में फिर से शामिल हो गए। कुल संख्या 72 हो गई।
टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने बिस्वजीत को सत्ताधारी पार्टी में फिर से शामिल करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा 'ताश के पत्तों' की तरह गिर जाएगी।
जल्द खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने दावा किया कि यहां दबाव में कुछ लोग टीएमसी में शामिल हो रहे हैं। एक या दो नेता अभी भी हैं जो बीजेपी से दूरी बनाए हुए हैं और जान से मारने की धमकी के चलते टीएमसी में शामिल हो सकते हैं।
पार्टी छोड़ने वालों के इस्तीफे की मांग को लेकर हम जल्द ही अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
पोल एनालिस्ट उदयन बंधोपाध्याय के मुताबिक, अधिक दलबदल के साथ बीजेपी धीरे-धीरे राज्य में कमजोर होती जा रही है।
टीएमसी के कांग्रेस से टूटने के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस कमजोर हो गई और अब बीजेपी में भी यही हो रहा है। पलायन को रोकने के लिए भगवा खेमे को अपना आधार समर्थन बढ़ाना चाहिए।
Published on:
01 Sept 2021 08:45 am
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