दरअसल, अर्जुन का शव पिछले हफ्ते घोष बागान इलाके में एक सुनसान इमारत के अंदर लटका मिला था। भाजपा का आरोप है कि अर्जुन चौरसिया की हत्या सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस ने की थी। बता दें, मृतक अर्जुन भारतीय जनता पार्टी युवा मंडल मोर्चा के वाइस प्रेसिडेंट थे। द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ करार दिया था। मगर अर्जुन चौरसिया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनकी मौत फाँसी के फंदे पर लटकने से हुई है।
रिपोर्ट सामने आते ही टीएमसी ने गृह मंत्री पर हमला शुरू कर दिया। पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि 'भाजपा बहुत नीचे गिर गई है'। पार्टी ने कहा, "गृह मंत्री अमित शाह झूठे हैं! जैसा हमने कहा, वह बंगाल आए और झूठ बोल कर चले गए। उन्होंने राज्य में कानून और व्यवस्था के बारे में झूठ बोला, सुरक्षा और सुरक्षा के मुद्दों के बारे में झूठ बोला, इस देश के लोगों के लिए भाजपा की चिंता के बारे में झूठ बोला। यह शर्म की बात है कि भाजपा को इतना नीचे गिरना पड़ा।"

एक संवाददाता सम्मेलन में, टीएमसी मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, "वे पहले से कैसे कह सकते हैं कि यह एक हत्या थी? बंगाल की छवि धूमिल करने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है। वे इसे आजमा रहे हैं और अब ऑटोप्सी रिपोर्ट से परेशान हैं।" इस बीच, भाजपा अपने रुख पर अडिग है और इस बात पर जोर देने की कोशिश कर रही है कि कैसे पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था एक मुद्दा है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता की हत्या का पहला मामला नहीं है। पिछले महीने अप्रैल में भी एक बीजेपी कार्यकर्ता का शव संदिग्ध स्थितियों में पेड़ से लटका मिला था। तब मृतक की पहचान पूर्ण चंद्र नाग के तौर पर हुई थी। वो मजदूरी कर अपना घर चलाते थे और बीरभूम जिले के मल्लारपुर कस्बे में 19 अप्रैल की सुबह अपने घर के बाहर वह पेड़ से लटके मिले थे। इससे पहले पूर्वी मिदनापुर में भी एक बीजेपी कार्यकर्ता शंभु माइती की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।