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क्या होता है डॉगफाइट, इसका चलन अभी तक युद्ध में बंद क्यों नहीं हुआ?

locationनई दिल्लीPublished: Feb 28, 2019 01:26:47 pm

Submitted by:

Dhirendra

बालाकोट पर भारतीय बमबारी के बाद से डॉगफाइट (हवाई युद्ध) एक बार फिर सुर्खियों में है।

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क्या होता है डॉगफाइट, इसका चलन अभी तक युद्ध में बंद क्यों नहीं हुआ?

नई दिल्‍ली। पिछले तीन दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच जारी डॉगफाइट सुर्खियों में है। 26 फरवरी (मंगलवार) को तड़के 3.30 पर भारतीय युद्धक विमान मिराज-2000 ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के कैंप पर हमला बोला तो दो बार पाकिस्तानी वायु सैनिकों के साथ भारतीय फाइटरों की डॉगफाइट होते-होते बची।
एक दिन बाद 27 फरवरी को जब पाकिस्तान ने भारतीय वायुसीमा में प्रवेश किया तो इस बार दोनों देशों के जेट फाइटरों के बीच डॉगफाइट हो ही गई। इस डॉगफाइट में भारत का मिग विमान क्रैश हो गया तो भारतीय सुखोई ने पाकिस्तानी एफ-16 फाइटर जेट को हवा में ही मार गिराया। इसके बाद से डॉगफाइट शब्द सुर्खियों में है।
ऐसे में डॉगफाइट होता क्या है इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं। आइए, अब आप भी जानिए एक सदी से ज्यादा समय से युद्ध के मैदान में डॉगफाइट चर्चा का विषय क्यों बन जाता है?
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क्या होता है डॉगफाइट?

यह फाइटर प्लेन के बीच एक तरह का हवाई युद्ध होता है। इस लड़ाई में दुश्मन देश के पायलट एक-दूसरे की जान लेने या हवा में ही ध्वस्त करने के लिए खुद की जान भी जोखिम में डाल देते हैं। इस लड़ाई में दुश्मन देश के फाइटर प्लेन एक-दूसरे के करीब होते हैं। बता दें कि डॉगफाइट से दुश्मन देश की हवाई युद्ध कौशल और सामरिक क्षमता का भी पता चलता है।
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दुनिया की पहली डॉगफाइट

इस तरह की हवाई लड़ाई या डॉगफाइट पहली बार 1913 में मैक्सिकन क्रांति के समय देखने को मिली। जब विरोधी गुट के जांबाजों को यह आदेश मिला था कि वो अपने विरोधी की हत्या कर दें। लेकिन डॉगफाइट का लिखित इतिहास फ़लाइंग पेपर्स में पहली बार 1919 में मिलता है। इसके बाद प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर 1992 तक हर युद्ध में डॉगफाइट प्रचलन में रहा।
डॉगफाइट द्वितीय विश्व युद्ध में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यह कहा जाने लगा था कि तीव्र गति और लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले फाइटर जेट के निर्माण से डॉगफाइट प्रचलन से बाहर हो जाएगा पर मौत का यह खेल आज भी जारी है।
भारत-पाक के बीच पहली डॉगफाइट

1947 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान के वायु सैनिकों के बीच डॉगफाइट 1965 में देखने को मिला। दोनों पक्षों ने इस हवाई युद्ध में जीत का दावा किया था। पाकिस्तान ने डॉगफाइट में भारत के 119 विमानों को मार गिराने का दावा किया था जबकि 19 पाकिस्तानी विमान को भारत द्वारा मार गिराने की घटना को स्वीकार किया था। इसी युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 73 विमानों को नष्ट करने का दावा किया था। साथ ही इस बात को भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने डॉगफाइट में उसके 35 विमान मार गिराए।
दूसरी बार 1971 के बांग्लादेश लिबरेशन वार के समय दोनों देश के वायुसैनिकों के बीच डॉगफाइट हुआ। इस युद्ध में भी दोनों देशों ने एक-दूसरे को मात देने का दावा किया था। और अब यही डॉगफाइट पिछले तीन दिनों से दोनों देशों के बीच देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से डॉगफाइट एक बार फिर सुर्खियों में है।
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