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प्रतापगढ़

इमाम हुसैन की शहादत की याद पर मातमी धुनों के साथ निकले ताजिए

बेवाण और ताजियें में दिखा साम्प्रदायिक सौहाद्र्र का नजारा

प्रतापगढ़Sep 21, 2018 / 08:06 pm

Rakesh Verma

pratapgarh

इमाम हुसैन की शहादत की याद पर मातमी धुनों के साथ निकले ताजिए

छोटीसादड़ी पैगंबर हजरत मोहम्मद सअव के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत में मनाए जाने वाला पर्व पर मुस्लिम समाज ने गुरुवार रात को नगर में ताजिए निकाले। जगह-जगह आकर्षक विद्युत रोशनी से सजे छबील लगाए गए।रात को पठान चौक से ढोल-नगाड़ों के मातमी धुनों व अखाड़े के साथ ताजीए निकले।
सदर बाजार पहुंचे। जहां चूड़ी गली से निकलने वाला ताजीए भी सम्मिलित हुआ। यहां सलामी की रस्म अदा की गई। ताजियों का दीदार कर सजदा किया तथा प्रसाद चढ़ाया। यहां से ताजिए अपने मुकाम पर पहुंचे।
जलझूलनी एकादशी पर्व और इमाम हुसैन की कर्बला में शहादत की रात एक ही दिन गुरुवार को मनाई गई। रात में बेवाणों के साथ झिलमिलाती झांकियां निकली। वहीं ताजिए का कारवां भी निकला। जहां एक ओर ताजिया निकालने के लिए चारभुजा मन्दिर संघ के तत्वाधान में निकलने वाले डोल ने अपने तय समय में कमी की। वहीं मुस्लिम समाज ने भी अपने निश्चित समय में डेढ़ घण्टे की देरी की और साम्प्रदायिक सौहार्द का नजारा दिखाई दिया। एक तरफ डोल अपने अपने गन्तव्य की ओर मन्दिरो पर लौट रहे थे। और पीछे से ताजिए का कारवां शुरू हुआ। हिंदू-मुस्लिम डोल और ताजिए निकाल कर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। शुक्रवार को मोहर्रम माह की दसवीं तारीख को योमे आशुरा के रूप में मनाई।
साम्प्रदायिक सौहाद्र की मिसाल
गणेश पांडाल में ताजियों का स्वागत
गणपति प्रतिमा की मुस्लिम समाज ने की पूजा-अर्चना
ताजियों का हिंदू समाज ने किया स्वागत
प्रतापगढ़ शहर गुरुवार रात को निकाले गए ताजियों के जुलूस में दोनों समुदायों हिंदू और मुस्लिमों की ओर से सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की गई। यहां पर गणेश पाडालों में मुस्लिम समुदाय के ताजियों का इस्तकबाल किया गया। ताजियों में शामिल मुस्लिम समाज के लोगों ने गणपति प्रतिमाओं पर पुष्प हार चढ़ाए।
खास बात यह रही कि इनमें विश्व हिंदू परिषद और अंजुमन फुरकानिया से जुड़े लोगों ने एक-दूसरे का स्वागत किया। प्रतापगढ़ शहर में पिछले आठ दिनों से हिंदुओं और मुस्लिमों के लगातार धार्मिक आयोजन हो रहे हैं।जिससे पुलिस को एक-दूसरे समुदायों के साथ तालमेल बिठाने के लिए कड़ी मशक्तत करनी पड़ रही थी। लेकिन दोनों समुदायों के लोगों ने अनूठी की मिसाल पेश की। जब शहर के गोपालगंज इलाके से ताजियों का जुलूस निकला तो उन्होंने गणेश पांडाल में जाकर गणपति प्रतिमाओं पर पुष्प-हार आदि से पूजा की। दीपक लगाकर भगवान का आशीर्वाद लिया। यहां पर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों द्वारा इनका स्वागत किया गया। साथ में गणेश पंडालों में उपस्थित विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने मोहर्रम में शामिल लोगों का स्वागत किया और ताजियों पर अगरबत्तियां लगाई।इससे शहर में सांप्रदायिक सौहार्दं के एक नए वातावरण को बनाने में काफी सहयोग मिला। शहर के विभिन्न मुस्लिम समाज की ओर से ताजियों के जुलूस निकाले गए। इनमें कई आयोजन किए गए।

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