
कम्प्यूटर तो पहुंंच गए, पढ़ाएगा कौन?
स्कूलों में न कम्प्यूटर लैब बने और न ही शिक्षक लगाए
प्रतापगढ़. सरकार ने राज्य के 5051 सैकण्डरी और सीनियर सैकेण्डरी विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके तहत प्रतापगढ़ जिले के दो विद्यालयों को छोडकऱ 203 राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर पहुंच चुके हैं। फिलहाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पानमोड़ी एवं पीपलखूंट उपखण्ड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोवाईपाड़ा में कम्प्यूटर नहीं आए। लेकिन इन स्कूलों में अभी तक न तो कम्प्यूटर लैब बन पाए हैं और न ही बच्चों को पढ़ाने के लिए कम्प्यूटर शिक्षक की व्यवस्था हो पाई है। खास बात यह है कि सरकार ने इनकी कोई व्यवस्था भी नहीं की। ऐसे में कई स्कूलों में जगह के अभाव में कम्प्यूटरों की पैकिंग भी नहीं खुली है। कई जगह इन कम्प्यूटरों को रखने के लिए वैकल्पिक स्थान का इंतजाम किया, लेकिन शिक्षक नहीं है। ऐसे में अब सवाल यह है कि बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा देगा कौन? आशंका इस बात की भी है कि लाखों के ये कम्प्यूटर कहीं कबाड़ में नहीं बदल जाए।
दक्ष प्रशिक्षक नहीं
जिले के अधिकांश विद्यालयों में जहां कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। वहां केवल कम्प्यूटर का सामान्य ज्ञान रखने वाले आरएससीआईटी से बेसिक कोर्स किए कम्प्यूटर ऑपरेटर या शिक्षक ही कम्प्यूटर शिक्षा का ज्ञान बांट रहे है। जबकि कम्प्यूटर शिक्षक के तौर पर न्यूनतम योग्यता बीसीए और पीजीडीसीए होना अनिवार्य है। जबकि जिले के तकरीबन सभी विद्यालयों में आरएससीआईटी योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त संविदा कर्मी और शिक्षक इस कार्यको अंजाम दे रहे है।
लैब के लिए अलग से नहीं है कक्ष
जिले में कई ऐसे विद्यालय है जहां कम्प्यूटर तो पहुंच गए है। लेकिन उन्हें वहां रखने के लिए उचित स्थान नहीं है। किसी विद्यालय में तो स्टाफ रूम में रखा गया हैतो किसी विद्यालय में किसी चालू कक्षा कक्ष केे किसी कोने में। उदाहरण के लिए जिला मुख्यालय स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दस कम्प्यूटर आ गए। इस स्कूल में भी कम्प्यूटर लैब की अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन इन्हें खोलकर एक कमरे में रखा गया। सरकार ने शिक्षक की कोई व्यवस्था नहीं की। ऐसे में स्कूल के मौजूदा स्टाफ में से ही कम्प्यूटर को सामान्य ज्ञान रखने वाले शिक्षकों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यही हाल जिला मुख्यालय के बालिका विद्यालय का है।
दूरस्थ इलाकों में नहीं है नेट सुविधा
जिले मेें कई विद्यालय ऐसे दूरस्थ इलाकों में स्थित है। जहां किसी भी मोबाइल कंपनी की नेटवर्क सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे मेे सूचना एवं प्रौद्योगिकी के इस दौर में कम्प्यूटर शिक्षा का पूरा लाभ मिलना दूर की कोड़ी साबित होगा।
राज्य में चौथा जिला है
चूरू, झूंझनुं, राजसमन्द के बाद प्रतापगढ़ ही ऐसा जिला है, जहां जिले के सभी सैकण्डरी और सीनियर सैकण्डरी स्कूलों में कम्प्यूटर भेजे गए हैं।
प्रत्येक स्कूल को मिले 10 कम्प्यूटर
विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब संचालित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से 10-10 कम्प्यूटर उपलब्ध कराएं जाएंगे। इनको अनिवार्य शिक्षा के रूप में पढ़ाया जाएगा।
जिले के लिए उपलब्धि है.
जिले के लिए यह उपलब्धि है। राज्य मेें चौथा जिला है, जहां सभी सैकेण्डरी , सीनियर सैकेण्डरी विद्यालय कम्प्यूटर लैब से सुस्ज्जित होंगे। जहां तक लैब के लिए कमरों का प्रश्न है तो फिलहाल प्रधानाचार्य को इसके लिए विद्यालय भवन से एक रूम इसके लिए उपलब्ध करवाएंगे। जहां अतिरिक्त कक्षा कक्ष नहीं है, वहां नये कम्प्यूटर रूम के बनवाने के प्रयास किए जा रहे है। कम्प्यूटर पढ़ाई के लिए प्लेसमेंट ऐजन्सी के माध्यम से शिक्षक उपलब्ध कराएंगे। वैसे भी अधिकांश शिक्षक कम्प्यूटर के बारे मेें बेसिक जानकारी रखते है। उनकी सेवाएं ली जाएगी।
युगलकिशोर दाधीच
मुख्य ब्लॉक जिला शिक्षा अधिकारी
प्रतापगढ़
Published on:
13 Apr 2019 10:36 am
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