
प्रतापगढ़ जिले में फिर अटका डोडा चूरा नष्टीकरण का मामला
डोडा चूरा नष्ट करने को लेकर काश्तकारों ने जताया विरोध
कमेेटी ने किया स्थगित
डोडाचूरा के नष्टीकरण एवज में सरकार से 12 सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब से मुआवजे की मांग
प्रतापगढ़
आबकारी विभाग की ओर से गत दिनों शुरू की गई डोडा चूरा नष्टीकरण की कार्रवाई अब अग्रिम आदेश पर रोक ली गई है। विभाग द्वारा जारी डोडा चूरा नष्टीकरण कार्यक्रम के तहत सोमवार को कमेटी के नारकोटिक्स विभाग, पुलिस, प्रशासन और आबकारी विभाग के अधिकारियों की टीमें छोटीसादड़ी के गोमाना और अरनोद के वीरावली गांव में पहुंची। जहां किसानों ने विरोध जताया। छोटीसादड़ी के गोमाना में कोई भी अफीम उत्पादक किसान अपना डोडा चूरा लेकर मौके पर नहीं पहुंचे। वहां मौजूद अधिकारियों ने मुखिया से इसकी जानकारी ली। इस पर मुखिया ने बताया कि अफीम उत्पादक किसान डोडाचूरा के उचित मुआवजा देने को लेकर राज्य सरकार के नाम ज्ञापन देने के लिए एसडीएम कार्यालय पहुंचे है। किसानों द्वारा अपना डोडाचूरा निस्तारण करने के लिए नहीं पहुंचने पर यह कार्रवाई अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दी गई है।
डोडाचूरा नष्टीकरण की एवज में राज्य सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक मदद देने तथा पूर्व की तरह प्रतिकिलो 12 सौ रुपए तय कर मुआवजा देने की मांग को लेकर सोमवार को मलावदा व गोमाना के किसानों ने कार्यवाहक एसडीएम गणेशलाल पांचाल को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में किसानों ने बताया कि किसान द्वारा कड़ी मेहनत व हजारों रुपए खर्च करने के बाद यह फसल तैयार होती है। इसके बाद अफीम के रुपए मेहनत से कम भुगतान किसानों को केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। इसके बाद डोडा चूरा जो राज्य सरकार पिछले कई वर्षों से किसानों से क्रय करती रही है। किंतु कुछ वर्षों से राज्य सरकार डोडाचूरा चुरा के नष्टीकरण के नाम पर खेतों में बिखेरने व जलाने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिससे अफीम काश्तकारों को अपनी कड़ी मेहनत की कमाई को नष्ट कर आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ज्ञापन में किसानों ने डोडाचूरा के नष्टीकरण की एवज में राज्य सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक मदद देने तथा पूर्व की तरह प्रति किलो 12 सो रुपए मुआवजा दे ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान व आत्महत्या जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।
अरनोद के वीरावली गांव में डोडा चूरा का निस्तारण किया जाना था। इसको लेकर कमेटी के सभी सदस्य भी निस्तारण स्थल पर पहुंच गए। लेकिन यहां मौजूद किसानों ने पूर्व की भांति डोडा चूरा का दाम किसानों को दिलवाने की मांग करते हुए विरोध जताते हुए अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। किसानों की मांग थी कि सरकार द्वारा उन्हें डोडा चूरा का कोई उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा है और उल्टा नस्टीकरण के लिए उन्हें ही ट्रैक्टर, थ्रेशर और पानी का टैंकर लाने के लिए कहा जा रहा है जो किसानों के ऊपर अतिरिक्त भार है। किसानों के विरोध के बाद नष्टीकरण की प्रक्रिया को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया।
Published on:
18 Nov 2019 07:20 pm
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