
शनि का राशि परिवर्तन: इन राशि के जातकों को होगा फायदा
शनि ग्रह और ढैय्या एवं साढ़ेसाती का संबंध...
ज्योतिर्विद और गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा की वेद विद्यापीठ के समन्वयक डॉ संजय गील ने बताया कि शनि एक राशि में ढाई साल तक रहता है। वक्री और मार्गी स्वभाव होने के कारण इसके समय में परिवर्तन हो सकता है। साढ़े साती अर्थात 7 वर्ष और 6 महीने की कालावधि जब भी कुंडली में चंद्र राशि के आधार पर शनि का 12 वें स्थान पर गोचर होता है तो जीवन में साढ़े साती का आना प्रारंभ होता है,क्योंकि शनि एक राशि में ढाई वर्ष तक रहते हैं। अत: 3 भावों को मिलाकर साढे 7 वर्ष में यह अवधि पूर्ण होती है। शनि के इस विशेष गोचर को ही ज्योतिष आधार पर साढ़ेसाती कहा जाता है।
वस्तुत: शनि के कुंभ राशि में जाने से छोटी पनौती और साढ़ेसाती में बदलाव होगा एवं मीन राशि पर साढ़ेसाती प्रारंभ हो जाएगी। वहीं इसके विपरीत धनु राशि को शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलेगी।
शनि ग्रह के इस गोचर के साथ ही मिथुन और तुला राशि पर लागू छोटी पनोती समाप्त हो जाएगी। कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैय्या का प्रभाव देखने को मिलेगा। इस छोटी पनौती के फलस्वरूप इन दोनों राशियों के जातकों को कड़ी मेहनत करनी होगी। तब ही सफलता के आसार बनेंगे साथ ही स्वास्थ्य और गलत कार्यों के परहेज पर विशेष ध्यान लगाना होगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यत: जब शनि ग्रह 29 अप्रेल को मकर राशि को छोडकऱ कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इसके प्रभाव स्वरूप धनु राशि वालों को शनि के प्रकोप से राहत मिलेगी। किंतु 12 जुलाई 2022 को पुन: शनि वक्री होकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए वास्तविकता में 17 जनवरी 2023 के बाद ही धनु राशि के जातक शनि के प्रकोप से पूर्णतया मुक्त हो पाएंगे।
ज्योतिषीय आधार पर मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 26 जनवरी 2017 से प्रारंभ हुई थी जो कि 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी। शनि पिछले वर्ष से मकर राशि में गोचर कर रहे हैं एवं इस राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का द्वितीय चरण चल रहा है। अत: इन जातको को अत्यंत सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता है, क्योंकि इस गोचर के फलस्वरूप धन संपत्ति और परिवार से जुड़ी समस्याएं हो सकती है । इसी प्रकार कुंभ राशि वाले जातक जिन पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से प्रारंभ हुई थी और इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी। परंतु शनि की साढ़ेसाती से पूर्णतया मुक्ति 23 फरवरी 2028 तक ही संभव है। साथ ही जिनके अच्छे कर्म है। उनके लिए शनि लाभप्रद साबित होगा। इस प्रकार कह सकते हैं कि धनु राशि के लिए शनि का यह गोचर शुभ, मकर के लिए मध्यम, कुंभ तथा मीन के लिए अशुभ साबित होगा।
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वृषभ, मिथुन और धनु लग्न के लिये खुशियां अपार
शनि का ये गोचर कुछ राशि वालों के लिये परेशानियां बढ़ाने वाला साबित होगा। वही कुछ राशियों पर शुभ प्रभाव डालेगा।
वृषभ राशि... इस राशि वालों के लिए शनि का गोचर विशेष रूप से लाभकारी साबित होगा। आर्थिक स्थिति में जबरदस्त सुधार आएगा। धन प्राप्ति के नए मार्ग खुलेंगे। कार्यस्थल पर आपकी छवि मजबूत होगी। बॉस आपके काम से प्रसन्न रहेंगे। आपको कोई इस गोचरकाल की अवधि में कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। यात्रा से भी अच्छा धन बनाने में कामयाब रहेंगे। धन का संचय करने में भी सफल रहेंगे।
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मिथुन राशि...इस राशि वालों के लिए ये समय किसी राजयोग से कम नहीं रहेगा। अटका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। पुराने कर्ज से मुक्ति मिलने की प्रबल संभावना है। पदोन्नति और सैलरी बढऩे के आसार रहेंगे। ऑफिस में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। कोई बड़ी डील हाथ लगने के आसार हैं। व्यापारियों के लिए भी ये समय काफी लाभप्रद साबित होगा।
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तुला राशि...शनि के गोचर से इस राशि वालों को भी अच्छा लाभ प्राप्त होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। कोई अधूरी इच्छा पूरी हो सकती है। धन प्राप्ति के प्रबल आसार हैं। कार्यस्थल पर आपको कोई बड़ा प्रोजेक्ट मिल सकता है। आपकी पदोन्नति की भी संभावना दिखाई दे रही है। विदेश यात्रा का सपना पूरा हो सकता है। अचानक से किसी खास मित्र से मुलाकात हो सकती है।
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धनु राशि...शनि के गोचरकाल की अवधि आपके लिए विशेष रूप से फलदायी साबित होगी। रूके हुए काम तेजी से पूरे होंगे। घर परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। नौकरी और बिजनेस दोनों के लिए समय सफलता भरा साबित होगा। दुश्मन परास्त होंगे। पैसा कमाने के नए रास्ते खुलेंगे। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। कुल मिलाकर समय लाभ कमाने के कई अवसर लेकर आएगा।
Published on:
24 Apr 2022 01:28 pm
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