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राज्य बजट: जिले में मेडिकल कॉलेज, अरनोद व दलोट में पालिका सहित विभिन्न विकास कार्यो की आस

चुनावी साल का बजट होने से हर वर्ग के लिए कुछ खास होने की आस, जिलेवासियों को है कई सौगातों की उम्मीद

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राज्य बजट: जिले में मेडिकल कॉलेज, अरनोद व दलोट में पालिका सहित विभिन्न विकास कार्यो की आस

राज्य बजट: जिले में मेडिकल कॉलेज, अरनोद व दलोट में पालिका सहित विभिन्न विकास कार्यो की आस

प्रतापगढ़. प्रदेश में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रदेश की कांग्रेस शासित राज्य सरकार अपने इस कार्यकाल का आखिरी राजस्थान बजट 2023 पेश करने जा रही है। चुनाव के पहले आखिरी बजट होने से उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में प्रदेशवासियों को काफी कुछ सौगात मिल सकती है। खासकर जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं उस क्षेत्र को तो काफी कुछ मिलने की आस है। rajasthan budget 2023 से प्रतापगढ़ जिले को भी बहुत उम्मीदें हैं और यह आस इसलिए और बढ़ जाती है कि जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों प्रतापगढ़ में रामलाल मीणा और धरियावद में नगराज मीणा जहां कांग्रेस के ही विधायक हैं वहीं मुख्यमंत्री गहलोत के नजदीकी भी है। प्रतापगढ़ और धरियावद विधानसभा क्षेत्र की मांगों के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भी भेजे गए हंै। यह चुनावी बजट भी है ऐसे में विधायकों के साथ-साथ आमजन को भी इस बजट को लेकर बड़ी उम्मीदें है। प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा और धरियावद विधायक नगराज मीणा दोनों ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाते हैं। इस सरकार के पिछले बजटों में विधायक रामलाल कई सौगात लेकर आए हैं तो धरियावद उपचुनाव में नगराज मीणा की भाजपा पर जीत के बाद यह दूसरा बजट है ऐसे में वहां के लिए भी कई घोषणाएं संभव है।

प्रतापगढ़ विधानसभा क्षेत्र की उम्मीदें
प्रतापगढ़ के लिए जिले में यूआईटी, सिटी पार्क , ग्राम पंचायत अरनोद व दलोट को पालिका, प्रमुख चौराहों के सौंदर्यकरण सर्किल निर्माण कार्य, सुखाडिय़ा स्टेडियम एवं उसके सभी भागों के विकास की आस है। मेडिकल कॉलेज, केन्द्रीय सहकारी बैंक, विधि महाविद्यालय, नए न्यायालय परिसर में अधिवक्ता चैम्बर्स व अन्य सुविधाएं, देवनारायण योजना में एमबीसी वर्ग के लिए आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास, अल्पसंख्यक वर्ग के बालक एवं बालिकाओं के आवासीय विद्यालय / छात्रावास, मदरसों में कक्षा-कक्ष एवं खेल मैदान निर्माण, दलोट एवं सुहागपुरा पर एसडीएम कार्यालय खोलना, पानमोड़ी में उपतहसील, पटवार मण्डल के भवन निर्माण, नवीन कन्या महाविद्यालय चूपना, नवीन कन्या महाविद्यालय घोटारसी (मोखमपुरा) , नवीन कन्या महाविद्यालय सुहागपुरा, कन्या महाविद्यालय प्रतापगढ़ को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में क्रमोन्नत, दलोट एवं सुहागपुरा, चूपना को सीएचसी में क्रमोन्नत, खेरोट, पानमोड़ी, बड़ी साखथली, घोटारसी, लुहारिया, बोरी ए में नवीन पीएचसी, अरनोद एवं पानमोड़ी 132 केवी जीएसएस, गंधेर, गादोला, विरावली, बजरंगगढ, पण्डावा, बोरी ए. जोलर, ग्यासपुर में 33 केवी जीएसएस, हाट सालमगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में जीएसएस, छात्रावास, सडक़ निर्माण, जाखम बांध की ऊंचाई के लिए गेट लगाना, ग्यासपुर घाटे से बांध तक सडक़ चौड़ीकरण, भंवर सेमला बांध की ऊंचाई बढ़ाना, अंतिम छोर तक दोनों नहरों का निर्माण, बांध तक पहुंचने के लिए कचोटिया से भंवर सेमला बांध तक एवं अचलपुर से भंवर सेमला बांध तक सडक़ मय पुलिया निर्माण आदि की आस है।
धरियावद विधानसभा क्षेत्र की आस
दो वर्ष पहले धरियावद में हुए उपचुनाव के बाद प्रदेश का यह दूसरा बजट है। उपचुनाव में कांग्रेस की भाजपा पर जीत और इसी वर्ष फिर से चुनाव को देखते हुए क्षेत्र के लिए कई घोषणाओं की आस है। यहां 100 बेड का नवीन परिसर में अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यहां उप जिला चिकित्सालय, मूंगाणा में तहसील कार्यालय व कर्ममोचिनी नदी रोड पर डबल पुलिया, बांसी से धरियावद, कानोड़ व लसाडिय़ा आदि सडक़ों के विकास, नागलिया बांध को ङ्क्षसचाई व पेयजल में अत्याधुनिक करने सहित कई घोषणाओं की उम्मीद है।
प्रतापगढ़ में खुले मेडिकल कॉलेज, सांसद जोशी ने मुख्यमंत्री गहलोत को लिखा पत्र
प्रतापगढ़- चित्तौडगढ़़ सांसद सी पी जोशी ने प्रदेश के बजट से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। जिसमें प्रतापगढ़ जिले में मेडीकल कॉलेज खोले जाने की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 33 जिलों में से 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति हो गयी हैं, जिसमें से 22 मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति विगत 8 वर्षों के दौरान हुई हैं, लेकिन प्रदेश के तीन जिले जालौर, राजसमन्द, प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज नही हैं। प्रतापगढ़ जिला जो की एक जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है, यहां पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने की अत्यन्त आवश्यकता है। प्रतापगढ़ जिला एक बेहद कठिन भौगोलिक संरचना वाला जिला हैं। यहां पर वन एवं पहाडों की अधिकता होने से आवागमन में परेशानी का सामना करना पडता हैं। प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज नही होने से यहॉ विशेषज्ञ चिकित्सकों का भी अभाव रहता हैं जिसके कारण गम्भीर बीमारी होने या गंभीर दुर्घटना होने पर घायल को अन्यत्र रेफर करना पडता हैं। यदि प्रतापगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना होती हैं तो जनजातिय क्षेत्र के लाखों लोगो को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। यदि प्रतापगढ़ जिले में मेडीकल कॉलेज की स्वीकृति पीपीपी मोड पर बनाने की स्वीकृति प्रदान करते हैं तो भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा इसको चयनित करने की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जा सकता हैं, क्योंकि गत वर्षों के दौरान 75 नये मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति भारत सरकार के द्वारा प्रदान कि गयी थी, जिसमें 15 मेडिकल कॉलेज राजस्थान को दिए गए। लेकिन राजस्थान राज्य की सरकार के द्वारा मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता वाले जिलों की सूची में राज्य के इन तीनों जिलों जिसमें से प्रतापगढ़ भी शामिल हैं, उसको 15 जिलों की सूची से वङ्क्षचत रखा गया, जिसके कारण द्वितीय फेज में उसकी स्वीकृति नही हो पायी। ऐसे में कांठलवासियों को बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ प्रदान करने के लिए प्रतापगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज के लिए पी.पी.पी. मोड़ पर स्वीकृति के लिये प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को शीघ्र भेजे जिससे प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति जारी हो सके।