
Pratapgarh news
प्रतापगढ़. यूपी के प्रशासनिक व पुलिस अफसरों पर इन दिनों लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, लेकिन जब साथी अफसर ही जिलाधिकारी को भ्रष्ट मानता हो और सार्वजनिक रूप से उसका विरोध कर रहा हो, तो इसे क्या समझा जाए। प्रतापगढ़ में कुछ ऐसा ही हुआ। यहां एसडीएम विनीत उपाध्याय जिले के डीएम, एडीएम और एसडीएम सदर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए। यह देख आला अफसरों के होश उड़ गए। प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा लग गया। जिसके बाद सीओ समेत कई थानों की फोर्स बंगले पर पहुंची। पांच घण्टे बाद एसडीएम को एडीएम एलआर की गाड़ी से भारी पुलिस बल अपने साथ लेकर रवाना हुई। देर शाम विनीत को निलंबित कर दिया गया।
जिलाधिकारी रूपेश कुमार, एडीएम और एसडीएम सदर पर भष्टाचार का आरोप लगा है। एसडीएम विपिन उपाध्याय यह आरोप लगाते हुए शुक्रवार दोपहर बारह बजे डीएम के बंगले में कैम्प कार्यालय स्थित डीएम चेम्बर में जमीन पर ही धरने पर बैठ गए। बंगले में उनकी पत्नी भी साथ में थी, लेकिन बाद में उन्हें अलग कर दिया गया। एसडीएम से धरना खत्म कराने की कोशिश नाकाम हुई तो सीओ समेत भारी पुलिस बल बंगले में दाखिल हुआ। इस दौरान खुफिया तंत्र भी सक्रिय रहा, लेकिन मीडिया को बंगले से दूर रखा गया।
यह है आरोप-
उनका आरोप है कि उनके खिलाफ एक जांच में एडीएम (एफआर) ने गलत रिपोर्ट लगा दी। प्रतापगढ़ में मामला लालगंज इलाके की जमीन पर विद्यालय की मान्यता से जुड़ा है। बताया जा रहा है जिस जमीन पर विद्यालय होने की बात कहकर मान्यता ली गई, वहां विद्यालय न होकर दूसरी जगह संचालित हो रहा है। इस मामले की शिकायत आने के बाद एसडीएम अतिरिक्त विनीत उपाध्याय ने जांच की तो ये खुलासा हुआ। उन्होंने जांच रिपोर्ट बनाकर डीएम को फाइल भेज दी। लेकिन वह फाइल दबा दी गई। शासन को नहीं भेजी गई। इसी बात को लेकर विनीत उपाध्याय नाखुश हैं। डीएम की तरफ से पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन मिलने के बाद वह पत्नी के साथ धरना से उठ गए।
बाद में शासन ने विनीत कुमार उपाध्याय के खिलाफ अनुशासनिका कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया।
Published on:
25 Sept 2020 09:28 pm
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