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एक दूसरे से कितने अलग हैं अघोरी और नागा साधु? 6 प्वाइंट में समझें

Aghori vs Naga Sadhu: अघोरी और नागा साधु दोनों ही भगवान शिव की पूजा करते हैं, लेकिन उनकी पूजा विधि अलग होती है। आइए जानते हैं कि अघोरी से नागा साधु कितने अलग होते हैं।

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Aghori vs Naga Sadhu

अघोरी साधु भगवान शिव के अघोर रूप की उपासना करते हैं। नागा साधु भगवान शिव और वैराग्य के प्रतीक होते हैं।

Aghori vs Naga Sadhu

अघोरी साधु मुख्यतः श्मशान घाट और निर्जन स्थानों पर साधना करते हैं, जहां वे शमशान की भस्म और वर्जित चीजों का उपयोग करते हैं। नागा साधु आमतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों, अखाड़ों और कुंभ मेले में रहते हैं, जहां वे सामूहिक रूप से तपस्या करते हैं।

Aghori vs Naga Sadhu

अघोरी साधु काले वस्त्र पहनते हैं और चिता की भस्म और मानव खोपड़ी का उपयोग करते हैं। नागा साधु नग्न होते हैं और उनके शरीर पर भस्म और जटा होती है, साथ ही वे त्रिशूल भी रखते हैं।

Aghori vs Naga Sadhu

अघोरी साधु समाज से दूर रहते हैं और अकेले साधना करते हैं, उनका जीवन अत्यधिक रहस्यमयी और अलग होता है। नागा साधु संगठित समूहों में रहते हैं, वे अखाड़े में रहते हुए सामूहिक रूप से तपस्या करते हैं।

Aghori vs Naga Sadhu

अघोरी साधु शमशान साधना, वर्जित चीजों का उपयोग और कठोर तंत्र-मंत्र साधना करते हैं। नागा साधु कठोर तपस्या, निर्वस्त्र रहकर साधना करते हैं, और वे शिव की भक्ति में लीन रहते हैं।

Aghori vs Naga Sadhu

अघोरी साधु का दृष्टिकोण अत्यधिक उग्र और बिना किसी सामाजिक बंधन के होता है, वे मृत्यु और जीवन के पारंपरिक विचारों को नकारते हैं। नागा साधु का दृष्टिकोण अधिक शांति और आत्मनिर्भरता की ओर होता है, वे मोक्ष प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या करते हैं।