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अखाड़ा परिषद ने की फर्जी बाबाओं की दूसरी लिस्ट जारी, तीन बाबाओं को बताया फर्जी

अखाड़ा परिषद ने इन बाबाओं को किया फर्जी घोषित

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इलाहाबाद. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं को लेकर एक बार फिर कड़ा रूख अपनाया है। 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की इस बैठक में 3 बाबाओं को सर्वसम्मति से फ़र्ज़ी घोषित किया गया। यूपी में लगातार बाबाओं के गलत कारनामें से समाज में साधू-संतों की छवि खराब हो रही है इसके मद्देनजर आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने शुक्रवार को एक इमरजेंसी बैठक बुलाई जिसमें फर्जी बाबाओं की दूसरी लिस्ट जारी की गई। इनमें तीन बाबाओं को फर्जी बताया गया है। जिसमें बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती, दिल्ली के वीरेंद्र दिक्षित कालनेमि, इलाहाबाद के त्रिकाल भवंता को फर्जी घोषित किया है जिन्होंने खुद को शंकराचार्य घोषित करते हुए अपना अलग एक अखाड़ा परिषद अखाड़ा के नाम से बनाया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरी का कहना है की मीडिया को भी ऐसे बाबाओं का बहिष्कार करना चाहिए।जो समाज को गलत दिशा देकर अपना फायदा निकाल रहे है ।

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दिल्ली के वीरेंद्र देव दीक्षित

देश के बवाली बाबाओं की फेहरिस्त में शामिल हुआ सबसे नया बाबा ज़माने की नज़र में आते ही कुख्यात हो गया। इसके कारनामे इतने बड़े और अश्लील हैं कि लोगों ने इसे बाबा को राम रहीम का भी उस्ताद घोषित कर दिया है। इस ढ़ोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित ने खुद को भगवान का अवतार घोषित किया और अपनी साधिकाओं को मोक्ष दिलाने के नाम पर अपनी रानियां बनाने का झांसा दिया।

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बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती
अभी हाल ही में यूपी के बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती का मामला सामने आया था। इन्हें भी अखाड़ा परिषद ने फर्जी घोषित किया है। यह बाबा सत्संग के बहाने लड़कियों को बंधक बनाकर रेप करता था। बाबा सच्चिदानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह केस संत कुटिल आश्रम में धर्म प्रचार के नाम पर 20 वर्षों से युवतियों को मंत्र देकर शिष्या बनाता था और बाद में उनको अपना शिकार बनाता था।

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साध्वी त्रिकाल भवंता
साध्वी त्रिकाल भवंता उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले की मूल निवासी हैं और उन्होंने ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई भी की है। वे पिछले कुछ सालों से संन्यास जीवन में हैं। इससे पहले वे एक नर्स की भूमिका में इलाहाबाद के प्राइवेट हॉस्पिटल में काम किया करती थीं। इन पर अखाड़ा परिषद का आरोप है कि ये खुद को शंकराचार्य घोषित कर ली है।


बैठक शुक्रवार 29 दिसम्बर को इलाहाबाद के बाघम्बरी मठ में सुबह साढ़े दस बजे से शुरू हुई। अखाड़ा परिषद इस बैठक में फर्जी बाबाओं की दूसरी लिस्ट जारी की गई। परिषद इससे पहले दस सितम्बर को गुरमीत, राम रहीम, राधे मां, निर्मल बाबा, असीमानंद और नित्यानंद समेत चौदह बाबाओं को फर्जी घोषित कर चुका है।

अखाड़ा परिषद की बैठक में योगी सरकार द्वारा इलाहाबाद में अगले साल लगने वाले अर्द्धकुंभ का नाम बदलकर कुंभ किये जाने के फैसले पर भी चर्चा की गई। अखाड़ा परिषद का मानना है कि अर्द्धकुंभ की परंपरा बेहद प्राचीन है, इसलिए इसका नाम बदलकर कुंभ किया जाना कतई ठीक नहीं है। बैठक में कुंभ के लिए हो रहे कामों की निगरानी का ठेका स्विस कंपनी को दिए जाने का विरोध किया जाएगा, और साथ ही कुंभ में व्यवस्थाओं की मानीटरिंग के लिए साधू- संतों की एक कमेटी बनाए जाने की मांग भी की जाएगी। अखाड़ा परिषद की इस बैठक में पदाधिकारियों के साथ ही सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। साथ ही अखाड़ा परिषद की बैठक में कुम्भ मेला से सम्बंधित कई मुद्दों पर चर्चा की जिनमें 7 प्रस्ताव रखे गए थे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आगामी कुंभ को लेकर अखाड़ों के स्थाई निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री को एक बार फिर से प्रस्ताव भेजा है। अखाड़ा परिषद में इस बात की भी मांग रखी गई थी जूना अखाड़ा मंदिरों की जमीनों पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किया गया है उन जमीनों को अखाड़ों को वापस दिलाएं। अखाड़ा परिषद ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रयागराज मेला प्राधिकरण में अखाड़ों के पदाधिकारियों को स्थान ना देने पर अफसोस जाहिर किया और मुख्यमंत्री से फिर से मांग की कि अखाड़ा परिषद के सदस्यों को मेला प्राधिकरण में स्थान दें या प्रयागराज मेला प्राधिकरण पर निगरानी के लिए अखाड़ा परिषद की एक कमेटी बनाए जिनमें अखाड़ा परिषद के पदेन अध्यक्ष को उसका अध्यक्ष बनाया जाए जो कि मेले से जुडडे सभी कामों की निगरानी करेगा।