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मतदान के बाद सियासी पंडितों का बिगड़ा समीकरण, मुकाबला हुआ त्रिकोणीय

लगातार जीत का सपना देख रहीं अभिलाषा के सपनों पर फिर सकता है पानी  

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Nagar Nikay Chunav 2017

नगर निकाय चुनाव 2017

इलाहाबाद. नगर निकाय चुनाव के मतदान से पहले जिन सियासी पंडितों को केवल बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला लग रहा था। कम वोटिंग प्रतिशन ने ऐसे सियासी पंडितों की गणित फेल कर दी है। मतदान के बाद महापौर सीट के लिए मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के साथ सपा भी मैदान में कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है। वहीं जिस बसपा को सियासी दौड़ में बाहर माना जा रहा था उसे ही हल्का नहीं आंका जा सकता।

इलाहाबाद में रविवार को हुए नगर निकाय चुनाव में मतदान के मामले में शहरी लोग फिसड्डी साबित हुए। जबकि ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर वोट दिया। सभी को मिला की जिले का मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा है। मतदान खत्म होने के घंटों पहले बूथों पर सन्नाटा पसरा रहा। मात्र 30.47 फीसदी मतदान को देख सियासी पंडितो का समीकण भी फेल हो गया। इतने कम वोटिंग ने महापौर प्रत्याशियों के अलावा पार्षद प्रत्याशियों का भी समीकरण फेल कर दिया है।

शहर के तीनों विधानसभाओं में बीजेपी का कब्जा होने के बावजूद निकाय चुनाव में कमल को कांग्रेस और सपा कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं। शहर उत्तरी में जहां बीजेपी और कांग्रेस के लिए जमकर वोट पड़ने का अनुमान किया जा रहा हैं। साथ ही मैदान में इन दोनों को सपा कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है। इसके अलावा शहर दक्षिणी और पश्चिमी में भी काफी नजदीकी मुकाबला माना जा रहा है। यहां सर्वाधिक बीजेपी और सपा को वोटिंग हुई।

जब कि बीएसपी को भी काफी वोट मिले। ऐसे में इस बार इलाहाबाद नगर निकाय चुनाव में बीजेपी, सपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणी मामला माना रहा है। त्रिकोणी मुकाबले का नतीजा भी काफी नजदीक आने का अनुमान है। इलाहाबाद में कम वोटिंग प्रतिशत ने कई दिग्गज चेहरों के होश उड़ा दिए हैं।

500 से 600 वोट में हो जाएगा पार्षद का फैंसला

रविवार को हुए नगर निकाय चुनाव में वोटर लिस्ट से हजारों लोगों के नाम गायब रहे। इसमें बीजेपी के एमएलसी डाॅ0यज्ञदत्त शर्मा, सपा नेता ऋचा सिंह सहित अन्य का नाम भी शामिल है। इलाहाबाद में कम वोटिंग प्रतिशत का एक महत्वपूर्ण वजह यह भी माना जा रहा है। इसके अलावा कई जगहों के वोटर लिस्ट में दूसरे वार्ड के लोगों का नाम भी शामिल रहा। वोटर लिस्ट की इस गड़बड़ी से पार्षद प्रत्याशियों के बीच भी कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। ऐसा माना जा रहा है पार्षदों के हार जीत का फैंसला महज 500 से 600 वोट में हो जाएगा।