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IAS दीपक सिंह और डायरेक्टर बेसिक शिक्षा की गिरफ्तारी का आदेश जारी

उत्तर प्रदेश में इस समय जनता से जुड़े छोटे छोटे मुद्दों और मामलों पर भी लगातार हाईकोर्ट को कमेन्ट करना पड़ रहा है. इसका सीधा साफ़ मतलब अधिकारी काम नहीं करना चाहते और न ही वो किसी की सुनने को तैयार हैं. ऐसी ही एक घटना पर हाईकोर्ट के आदेश करने के बावजूद भी पालन नहीं किया गया. जिससे नाराज कोर्ट ने आईएएस अधिकारी और डायरेक्टर बेसिक शिक्षा की गिरफ्तारी का आदेश जारी मंगलवार देर शाम को कर दिया है.

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश की ब्युरोक्रेसी और अधिकारियों के मनमाफिक काम करने से नाराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसला करते हुए अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई और निदेशक बेसिक शिक्षा व अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा की गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. इस आदेश के बाद से ही पूरी आईएएस लाबी में हडकंप मचा हुआ है.

हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को पेश होने का दिया आदेश
इलाहबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा के डायरेक्टर सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह को कोर्ट के आदेश का पालन न करने, बार बार कागजी लिखा पढ़ी में मामले को उलझाए रखने से नाराजगी जताते हुए ऐसा आदेश जारी किया.

वहीं निचले स्तर के अधिकारियो के समय पर काम नहीं करने और ऐसे मनमर्जी पर रोक नहीं लगा पाने की वजह से विभाग के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर भी काफी नाराजगी दिखाई. जिसके बाद दोनों अधिकारियों की गिरफ्तारी का वारंट जारी करते हुए उन्हें २० दिसंबर को हाज़िर करने को कहा.

वरिष्ठ आईएएस दीपक कुमार की भी गिरफ्तारी तय
इलाहबाद हाईकोर्ट ने लगातार अधिकारियों के टालने और आदेश को अनसुना करने पर नारजगी जताते हुए कहा - 'अब जरूरत सख्ती की है. प्रदेश में अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश को भी अनदेखा और अनसुना करेंगे तो आम नागरिक को कैसे इन्साफ मिलेगा.' इस बारे में आदेश करने और कोर्ट की टिप्पड़ी से साफ़ है कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दीपक सिंह की भी गिरफ्तारी तय है.

याची रेखा सिंह की ओर से दाखिल अवमानना याचिका
इलाहबाद हाईकोर्ट ने याची रेखा सिंह के प्रकरण में २१ सितम्बर २०२१ को रेखा सिंह (मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पर सुनवाई के दौरान) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आदेश का पालन करने को कहा था. लेकिन अधिकारियों ने कोर्ट का आदेश अनदेखा और अनसुना करते हुए याची को फिर से कागजों में उलझाने का प्रयास किया. जिसके बाद याची ने फिर से कोर्ट की शरण में पहुँचकर गुहार लगाई.

इसी मामले में 8 नवंबर 2021 को बेसिक शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारीयों को व्यक्तिगत हाज़िर होकर स्पष्टीकरण मंगाते हुए आदेश का पालन करने के लिए को फिर एक आदेश दिया था. जिसमें कोर्ट द्वारा कहा गया कि 'यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो दोनों अधिकारी यानी डायरेक्टर बेसिक शिक्षा और अपर मुख्य सचिव हाजिर होना होगा.'

फिर भी शिक्षा विभाग की ओर हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया. न ही ये दोनों बड़े अधिकारी वहाँ गए जिसके बाद कोर्ट ने नाराज होकर गिरफ्तारी का आदेश जारी करते हुए इन्हें 20 दिसंबर को पेश होने को कहा.