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Allahabad High Court: जज शेखर कुमार यादव के बयान के बाद संसद में महाभियोग की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट, जानें पूरा मामला 

Allahabad High Court: जज शेखर कुमार यादव के बयान के बाद सियासी गर्मी बढ़ गई है। अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं सहित अन्य सभी विपक्षी दल उनके खिलाफ संसद महाभियोग लाने की तैयारी कर रहे हैं। आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला। 

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Allahabad High Court: जज शेखर कुमार यादव के विवावदित बयान के बाद सियसत गरमा गई है। अल्पसंख्यक वर्ग के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों के नेता उनके खिलाफ संसद में महाभियोग लाने की तैयारी में जुट गए हैं। श्रीनगर के लोक सभा सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी इसकी अगुआई कर रहे हैं। 

मेहदी ने क्या कहा?

जम्मू-नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने एक नोटिस जारी किया और ट्वीट कर लिखा कि मैं नोटिस में लिखे आरोपों पर माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में मौजूदा न्यायाधीश शेखर कुमार यादव को हटाने के लिए संविधान की धारा 124(4) के अनुसार संसद में महाभियोग प्रस्ताव ला रहा हूं। 

अन्य दलों का मिला समर्थन 

जम्मू-नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने दावा किया कि मोशन को संसद में मूव करने के लिए 100 सांसदों के सहमति हस्ताक्षर की आवश्यकता है। जिसमें से उन्हें सात सांसदों ने साइन कर दिया है। उन्होंने ट्वीट में बताया कि कांग्रेस, सपा, डीएमके और टीएमसी से उनकी बातचीत चल रही है।

इन सांसदों ने कर दिया साइन

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद (तेलांगना) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी; भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष और  बांसवाड़ा (राजस्थान) के सांसद राजकुमार रोत; भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी लिबरेशन (CPI-ML) से आरा (बिहार) के सांसद सुदामा प्रसाद; समाजवादी पार्टी (SP) के रामपुर (उत्तर प्रदेश) से सांसद मोहिबुल्लाह नदवी; समाजवादी पार्टी (SP) के संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क सहित सात सांसदों ने खबर लिखने तक मोशन नोटिस पर साइन कर दिया है।

ओवैसी ने क्या कहा ? 

असादुदीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि मैंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव के खिलाफ निष्कासन की कार्यवाही की मांग करने वाले नोटिस पर साइन किया है। रूहुल्लाह मेहदी ने ये शुरू किया है। जज का व्यवहार संवैधानिक नॉर्म्स के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के “Restatement of Values of Judicial Life” का भी उलंघन करता है। नोटिस को लोकसभा में लाने के लिए 100 अन्य हस्ताक्षर की आवश्यकता है। 

सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव द्वारा दिए गए भाषण पर मीडिया रिपोर्ट्स को नोट किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से इस मामले में रिपोर्ट मांगी।

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कांग्रेस ने साधा निशाना 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि ऐसा प्रावधान किस कानून में है? जस्टिस को यह भी बताना चाहिए। जस्टिस यादव अपनी ही बातों के साथ न्याय कर पाएं या नहीं लेकिन एक बात साफ है कि यह बयान गैरसंवैधानिक है, जो देश की एकता पर चोट कर रहा है।

चंद्रशेखर आजाद ने की कार्रवाई की मांग 

उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र शेखर आजाद ने महामहिम से मामले में संज्ञान लेने की बात कही और ट्वीट कर लिखा कि ऐसे बयान न्यायपालिका की साख को कमजोर करते हैं और जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाते हैं। न्यायाधीश का धर्म केवल न्याय होना चाहिए, न कि किसी समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह।

ऐसा व्यवहार कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज आलम ने कहा कि जस्टिस शेखर कुमार यादव और जस्टिस दिनेश पाठक किसी गैर सरकारी और गैर विभागीय मंच पर कैसे जा सकते हैं। यह न्यायाधीशों के कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है।

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Allahabad High Court: जज ने VHP के कार्यक्रम में दिया था बयान

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने रविवार को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के लीगल सेल के एक कार्यक्रम में भाग लिया। वहां उन्होंने कहा था कि भारत बहुसंख्यक समुदाय की इच्छाओं के अनुसार चलेगा।बहुसंख्यकों का कल्याण और खुशी दूसरों के कल्याण से ऊपर है।