
Unnao Gangrape Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
इलाहाबाद. उन्नाव गैंगरेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथ ही सभा आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने सभी आरोपियों की जमानत निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने सीबीआई से 2 मई सुबह 10 बजे हाईकोर्ट में प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने मामले में कुलदीप सेंगर के साथ ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश सीबीआई को दिए हैं। न्यायालय ने सीबीआई को 20 जून व अन्य तारीखों पर दर्ज प्राथमिकी की विवेचना करने का निर्देश भी दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया ।
बता दें कि, गुरूवार को लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने गैंगरेप मामले में हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के जवाब से नाराजगी जताई और आरोपी विधायक की गिरफ्तारी नहीं होने पर भी राज्य सरकार से जवाब भी मांगा। गुरूवार को इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी.बी. भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ में पूरी हुई।
घटना को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी के पत्र पर जनहित याचिका स्वीकार करते हुए महाधिवक्ता को तलब किया था। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि, सरकार इस मामले पर गंभीर है। जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया गया। एसआईटी ने घटना की प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट दी है, इसके बाद बुधवार शाम को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
गुरूवार को दिन भर मामले पर हुई बहस:
-12 बजे हाईकोर्ट में उन्नाव गैंगरेप केस की सुनवाई शुरू हुई।
-राज्य सरकार ने बताया कि, नए एफआईआर की जांच सीबीआई को सौंपने की संस्तुति कर दी गई है।
-हाईकोर्ट ने कहा, कोर्ट ने कहा 4 जून 2017 को विधायक पर रेप का आरोप लगा, मुकदमा एसआईटी की रिपोर्ट पर 11 अप्रैल 18 को दर्ज किया गया। तीन लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई, लेकिन विधायक गंभीर आरोप होने के बावजूद चार्जशीट दाखिल हुई।
-एसआईटी अधिकारी ने कोर्ट को बताया हम गिरफ्तारी करेंगे।
-महाधिवक्ता ने कहा क़ानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होगी।
-महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया, 20 जून 2017 को माँ ने दर्ज कराई थी एफआईआर, बहला फुसला कर 3 लोगों पर भगा ले जाने का लगाया था आरोप, तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई। आरोपी बृजेश यादव, अवधेश तिवारी और शिवम जमानत पर हैं।
-महाधिवक्ता ने बताया कि 17 अगस्त 2017 को लड़की ने पहली बार विधायक के खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत की थी, युवती ने आरोप लगाया कि 4 जून को रेप हुआ था।
सरकार का आया था ये जवाब
-कहा विधायक के खिलाफ नहीं पर्याप्त साक्ष्य
-पर्याप्त साक्ष्य होने पर होगी कार्रवाई
-महाधिवक्ता ने कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने की कही बात, कहा कानून के मुताबिक अब तक हुई कार्रवाई,
-न्याय मित्र जी एस चतुर्वेदी कोर्ट मैं रख रहे हैं अपना पक्ष
कोर्ट ने कहा था...
कोर्ट ने सरकार के जवाब पर नाराजगी जताई थी और सरकार से पूछा था कि, सभी मामलों में पुलिस पहले जुटाती है साक्ष्य?
Updated on:
13 Apr 2018 03:14 pm
Published on:
13 Apr 2018 02:42 pm
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