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Allahabad High Court: मुकद्दमों की लिस्टिंग में मनमानी की जांच का निर्देश, महानिबंधक से 15 दिन में जांच रिपोर्ट तलब

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने उदयभान यादव की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। मालूम हो कि 5 जनवरी 22को कोर्ट ने केस 25जनवरी 22को लिस्ट करने का आदेश दिया था किन्तु कोर्ट आदेश की अवहेलना की गई और केस लिस्ट नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा ऐसा पहले भी देखा गया है कि आदेश के बावजूद केस लिस्ट नहीं किया गया।

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Allahabad High Court: मुकद्दमों की लिस्टिंग में मनमानी की जांच का निर्देश, महानिबंधक से 15 दिन में जांच रिपोर्ट तलब

Allahabad High Court: मुकद्दमों की लिस्टिंग में मनमानी की जांच का निर्देश, महानिबंधक से 15 दिन में जांच रिपोर्ट तलब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद केस लिस्ट न करने और बिना किसी आदेश या अर्जी के केस कोर्ट में पेश करने को गंभीरता से लिया है और महानिबंधक को नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर (एन आई सी) इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं संबंधित अनुभाग की जांच कर 15दिन में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई छः मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने उदयभान यादव की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। मालूम हो कि 5 जनवरी 22को कोर्ट ने केस 25जनवरी 22को लिस्ट करने का आदेश दिया था किन्तु कोर्ट आदेश की अवहेलना की गई और केस लिस्ट नहीं किया गया।

कोर्ट ने कहा ऐसा पहले भी देखा गया है कि आदेश के बावजूद केस लिस्ट नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा केस लिस्ट किया गया है किन्तु पत्रावली पर न तो लिस्ट करने का कोई आदेश है और न ही किसी अर्जी पर कोई आदेश है।फिर भी केस लिस्ट किया गया है। कोर्ट ने महानिबंधक से यह भी पूछा है कि केस लिस्ट करने का क्या सिस्टम या चलन है।

यह भी पढ़ें: किसी स्मारक को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने के लिए सरकार को हाईकोर्ट नहीं दे सकता निर्देश

याची कुरैशी ने राज्य सरकार को खान-ए-दौरान की हवेली, मौजा बसई मुस्तकिल (ताजगंज) आगरा को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने का निर्देश देने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि 23 अप्रैल 2015 को एक अधिसूचना प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 की धारा 4(1) के तहत जारी गई थी। और उसके बाद उस पर दो महीने तक आपत्तियां मांगी गई थीं।