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हाईकोर्ट ने योगी सरकार से पूछा, उर्दू में कितनी अधिसूचनाएं व परिपत्र किये जारी

उर्दू में अधिसूचनाएं व परिपत्र जारी करने को लेकर कोर्ट ने सरकार से मांगी जानकारी, 23 मार्च को जानकारी देने का आदेश।

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Yogi Adityanath

योगी आदित्यनाथ

इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की द्वितीय राजभाषा उर्दू में सरकारी अधिसूचनाएं व परिपत्र जारी करने के मामले में राज्य सरकार से जानकारी तलब की है और याचिका को सुनवाई हेतु 23 मार्च को पेश करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने यू.पी. यूनानी डाक्टर्स एसोसिएसन इलाहाबाद के अध्यक्ष हकीम परवाज उलूम की अवमानना याचिका पर दिया है।

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याचिका में प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार को कोर्ट आदेश की अवहेलना करने के लिए दण्डित करने की मांग की गयी है। याची का कहना है कि हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को 8 हफ्ते में उर्दू भाषा में अधिसूचना आदि जारी करने के सम्बन्ध में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। आदेश की जानकारी होने के बावजूद मुख्य सचिव द्वारा निर्णय नहीं लिया गया। जिस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी है।

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नकल कराने के आरोपी विद्यालय प्रबंधक व प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यू.पी.बोर्ड की परीक्षा में नकल कराने के आरोपी विद्यालय प्रबंधक और प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मगर कोर्ट ने केन्द्र व्यवस्थापक के विरुद्ध प्राथमिकी में आरोप होने के कारण रोक लगाने से इंकार कर दिया है। विद्यालय के प्रबंधक, प्रधानाचार्य और केन्द्र व्यवस्थापक के खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज है। याचिका पर न्यायमूर्ति गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खण्डपीठ ने सुनवाई की। याची के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि प्रबंधक रोशनलाल और प्रधानाचार्य पी.डी.डिसूजा के खिलाफ कोई आरोप नही हैं। दर्ज प्राथमिकी में इनकी कोई भूमिका नहीं है। दोनों उस समय विद्यालय में उपस्थित भी नहीं थे।

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