
सुपरटेक बिल्डर्स
इलाहाबाद. हाईकोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्रेटर नोएडा के पटवारी गांव की श्मशान भूमि पर सुपरटेक बिल्डर्स के निर्माण पर कड़ा रूख अपनाया है और बिल्डर्स को फ्लैट बेचने पर रोक लगा दी है और साथ ही अथारिटी को निर्माण पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी न करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर से भी कार्यवाही न करने पर जवाब मांगा है और पूछा है कि गांव सभा की लोक उपयोग की जमीन पर बिल्डर्स के अवैध कब्जे पर क्या कार्यवाही की। कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर्स को भी ग्रेटर नोएडा के सीईओ के हलफनामे का जवाब दाखिल करने का दो हफ्ते का समय दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने टीकम सिंह की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विवादित भूमि पर तीसरे पक्ष का हित न बनने दिया जाय। प्लाट संख्या 210 पर श्मशान है, जिस पर सुपरटेक ने बाउन्ड्री बना ली है। कोर्ट ने कहा बिल्डर को निर्माण का अधिकार नहीं है।
यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटना का मामले में हाईकोर्ट का सुझाव
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सपे्रस वे पर आये दिन दुर्घटनाओं से मौत को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज उस याचिका को निस्तारित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हर राज्यों में सड़कांे पर हो रही दुर्घटनाओं की एक जनहित याचिका में मानीटरिंग कर रही है और इसे रोकने का समुचित प्रयास किया जा रहा है ऐसे में याची के लिए भी यह उचित होगा कि वह सुप्रीम कोर्ट में ही अपनी बात रखे। याची का कहना था कि यमुना एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीड से वाहन चलाने से आये दिन दुर्घटना में मौत हो रही हैैै।
सुरक्षा गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। आगरा डेवलपमेंट फाउण्डेशन की जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने की। याची का कहना था कि पिछले पांच सालों में 18लाख वाहन ओवर स्पीड से गाड़ी चलाते पाए गए, पुलिस ने 18 हजार वाहनों का चालान किया है। अथारिटी का कहना था कि पुलिस बल न होने से वह ठोस कार्यवाही नहीं कर पा रही है। पिछले पांच वर्षों में पांच हजार 408 दुर्घटनाओं में छह हजार से अधिक की मौत हुई है। याची का यह भी कहना था कि एक्सप्रेस वे सीमेंटेड रोड होने के कारण व स्पीड अधिक होने से गर्म होकर टायर फटने से दुर्घटनाएं हो रही है।
By Court Correspondence
Published on:
12 Feb 2018 08:39 pm
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