
दुर्ग नगर निगम
इलाहाबाद. छत्तीसगढ़, दुर्ग नगर निगम के नगर आयुक्त सुदेश सुन्दरानी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हाजिर हुए और बताया कि वह विवेचना में पूरा सहयोग कर रहे हैं। इससे पूर्व भी वह धूमनगंज थाने में विवेचना अधिकारी से मिल चुके हैं। उन्होंने साथ बैठे होने के कई फोटोग्राफ भी दाखिल किया। कोर्ट ने विवेचना अधिकारी को कहा कि नगर आयुक्त के पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए विवेचना की जाय। पुलिस आरोपी से उचित व्यवहार करे और बेवजह उसका उत्पीड़न न किया जाय। कोर्ट ने छह मार्च अगली सुनवाई की तिथि नियत की है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खण्डपीठ ने हरि किशन की याचिका पर दिया है। याची ने एस.के सुन्दरानी व अन्य पर मिड डे मील योजना का 67 लाख रूपये धोखे से हड़पने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है। नगर आयुक्त का कहना है कि वह निर्दोष है। व्यवहार उनके भाई संजय कुमार सुन्दरानी से हुआ है।
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भ्रमवश विपक्षी जो भाई आईएएस अधिकारी है, फंसाया गया है और वह पुलिस को पूरा सहयोग भी दे रहे हैं। पुलिस अभी तक उनके विरूद्ध कोई साक्ष्य इकट्ठा नहीं कर रही है। याची का कहना है कि पुलिस ने ठीक से विवेचना नहीं की और फाइनल रिपोर्ट दाखिल की।
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कोर्ट ने पुनर्विवेचना का निर्देश दिया है। धारा 82 की कार्यवाही के बावजूद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। कोर्ट ने नगर आयुक्त को धूमनगंज थाने में हाजिर होने का आदेश दिया था। पालन न करने पर उन्हें कोर्ट में तलब किया गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कोर्ट को गुमराह किया है।
By Court Correspondence
Published on:
08 Feb 2018 10:55 pm
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