
एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आज उमेश पाल किडनैपिंग केस में अतीक अहमद, दिनेश पासी और हनीफ को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने दिनेश पासी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट रुम के बाहर वकीलों के द्वारा वकिलों के हत्यारों को फांसी दो के जबरदस्त नारे लगते रहे। अशरफ समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
इस केस में कुल 11 लोग थे आरोपी, 17 साल पुराना है मामला
इस केस में कुल 11 आरोपी थे, जिसमें से एक (अंसर बाबा) की मौत हो चुकी है. 17 साल पुराने केस की सुनवाई जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने की। आइए जानते हैं कि कौन है दिनेश पासी जो अतीक के साथ घोषित किया गया दोषी।
बताया जा रहा है कि कोर्ट में भाई अतीक और अशरफ एक दूसरे को देखकर भावुक हो गए। दोषी करार होने पर दोनों माफिया गले मिलकर फूट- फूटकर रोए। कोर्ट ने आधे घंटे का समय मांगा है। जज कोर्ट रूम से बाहर आ गए हैं। 30 मिनट के बाद मामले पर सजा सुनाई जाएगी।
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हुई थी हत्या
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ के साथ उसके गुर्गों पर लगा था। वहीं सन 2006 में विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद साल 2007 में उमेश पाल की तरफ से इस मामले में धूमनगंज थाने में 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
उमेश पाल की हत्या में दिनेश पासी का आया नाम
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सरेआम अपराधियों ने उमेश पाल (Umesh Pal Murder Case) और उनके गनर को मौत के घाट उतार दिया गया था। वहीं इस हत्या में अतीक अहमद और पूर्व पार्षद दिनेश पासी पर भी उमेश पाल की मां ने आरोप लगाया है। उमेश पाल की मां ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उमेश पाल की हत्या के पीछे दिनेश पासी का भी हाथ है।
वहीं जब उमेश पाल के मर्डर के बारे में लगाए गए आरोप के बारे में मीडिया के लोगों ने दिनेश पासी के घर वालों से संपर्क करने की कोशिश की थी तो कोई कैमरे के सामने तो नहीं आया था। लेकिन उनके परिवार ने यह कहा है कि दिनेश पासी पर लगाए गए सारे इल्जाम बेबुनियाद है और यह गलत आरोप है। आपको बता दें दिनेश पासी पर राजू पाल और उमेशपाल की हत्या करने वाले लोगों की मदद करने का आरोप लगा था।
दिनेश पाल ने उमेश पाल को दहाड़े उठा ले गए थे
28 फरवरी 2006 को फांसी इमली के पास शाम करीब पांच बजे अतीक अहमद की लैंड क्रूजर गाड़ी ने उमेश पाल का रास्ता रोक लिया और दूसरी गाड़ी ने उसे पीछे से घेर लिया।
उसी गाड़ी से दिनेश पासी, अंसार बाबा और एक अन्य आदमी उतरे और अंसार बाबा ने उमेश पाल की कनपटी में पिस्तौल सटा दी। इसके बाद लैंड कूजर में उठाकर पटक दिया। गाड़ी में अतीक अहमद व तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे।
इसके बाद उमेश पाल को मारकर अतीक अहमद व उसके गुर्गों ने अधमरा कर दिया था। उसे मारते-पीटते चकिया कार्यालय ले गए। चकिया कार्यालय में मारपीट के अलावा उसे करंट के शॉक भी दिए गए।
इस मामले में अतीक अहमद के खिलाफ थाना धूमनगंज में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिला एवं सत्र न्यायालय से अतीक अहमद को 2009 में जमानत मिल गई थी, जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दी है।
Updated on:
28 Mar 2023 02:34 pm
Published on:
28 Mar 2023 02:10 pm
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