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माघ मेला 2026 : पहली बार प्रयागराज में लगेगा सनातनी किन्नर अखाड़े का विधिवत शिविर

Prayagraj Magh Mela : प्रयागराज की पावन धरती पर 3 जनवरी 2026 से माघ मेले की शुरूआत होने जा रही है। इस बार मेले में सनातनी किन्नर अखाड़ा अपना शिविर लगाएगा।

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प्रयागराज में पहली बार लगेगा सनातनी किन्नर अखाड़ा का शिविर, PC- Patrika

Prayagraj Magh Mela : प्रयागराज की पावन धरती पर 3 जनवरी 2026 से माघ मेले की शुरुआत हो रही है। मेले को लेकर प्रशासनिक तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं पहली बार सनातनी किन्नर अखाड़ा माघ मेले में अपना अलग और विधिवत शिविर लगाएगा। माघ मेले से पहले किन्नर अखाड़े के शिविर स्थल का भूमि पूजन किया जा चुका है।

ओल्ड जीटी रोड पर लगेगा शिविर

अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां ने अपने शिष्यों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान से पूजन किया। सनातनी किन्नर अखाड़े का शिविर ओल्ड जीटी रोड स्थित अलोप शंकरी रोड पर लगाया जाएगा। यह मेला क्षेत्र का प्रमुख मार्ग है। ऐसे में किन्नर अखाड़े का शिविर श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र बन सकता है।

सनातन धर्म को मजबूत करने का लक्ष्य

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरी ने बताया कि माघ मेले के दौरान शिविर का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म को प्रोत्साहित करना और समाज को एकजुट करना है। शिविर में धार्मिक जागरूकता, प्रवचन, विचार गोष्ठियां और आध्यात्मिक संवाद और सनातन मूल्यों के प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया जाएगा। आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि शिविर से हिंदू राष्ट्र और गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने की मुहिम भी चलाई जाएगी। जिससे श्रद्धालुओं को इस विषय में जागरूक किया जा सके।

बांग्लादेश में सनातनियों पर अत्याचार का मुद्दा उठेगा

महामंडलेश्वर ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में सनातनियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर भी शिविर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही केंद्र सरकार से मांग की जाएगी कि इस मामले में हस्तक्षेप करे और वहां हिंदुओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

पूरे माघ मास में होंगे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन

माघ मेले के दौरान शिविर में पूजा-पाठ, यज्ञ, तप-जप के साथ-साथ किन्नर समाज की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम और आकर्षक झांकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। जो मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी और मेला समय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों घर वापसी कराई जाएगी।