
बीजेपी नेता यज्ञ दत्त शर्मा
इलाहाबाद. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमएलसी डॉ यज्ञदत्त शर्मा ने योगी सरकार को खुला पत्र लिखकर पार्टी और सरकार में हड़कंप मचा दिया है। डॉ यज्ञदत्त शर्मा ने सीएम योगी आदित्यनाथ सरकारी तंत्र पर सवाल उठाते हुए सरकार की कार्य प्रणाली पर निशाना साधा है। वहीं डॉ यज्ञदत्त शर्मा के बागी तेवर को देख भाजपा में खलबली मची है। बता दें यज्ञ दत्त शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी के बेहद करीबी माने जाते है। डॉ शर्मा लगातार चौथी बार जीते शिक्षक विधायक और सदन में विधायक दल के उपनेता है।
इन मुद्दों पर है नाराजगी
डॉ यज्ञदत्त शर्मा ने पत्र लिखते हुए योगी सरकार से बेलगाम हुई नौकरशाही पर अंकुश लगाने की बात कही।उन्होंने कहा है कि योगी राज में नौकरशाह बेलगाम हो गए हैं ।वह किसी की नहीं सुन रहे है।बता दें कि डॉ शर्मा की नाराजगी शिक्षको की उपेक्षा को लेकर है ।असल में बीते दिनों सरकार ने प्रदेश में शिक्षको का ऑनलाइन स्थांतरण शुरू किया। जिसको लेकर भाजपा नेता ने योगी सरकार पर कई बड़े सवाल खड़े किए है। शिक्षक नेता यज्ञदत्त शर्मा ने स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया में जरूरत मंदों की अनदेखी की बात कही । साथ ही उन्होंने पत्र में लिखा है की प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षक समायोजित किये जाने और व्यवसायिक शिक्षक विनियमित तथा वित्त विहीन शिक्षक मानदेय की मांग कर रहे है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रदेश भर में पारिश्रमिक बढ़ाने की लड़ाई लद रहे है लेकिन बेलगाम नौकरशाह कुछ सुनने को तैयार नहीं है।
जरुरत मंद शिक्षकों को नहीं मिला स्थान्तरण
डॉ यज्ञदत्त शर्मा ने पत्र में लिखा है कि सरकार में अपने ही नेताओं की नहीं सुनी जा रही है। आम कार्यकर्ताओं परेशान है, जिस स्थांतरण नीति को सरकार अपना रही है । इससे शिक्षक समूह हताश और निराश है ।उन्होंने कहा कि स्थांतरण में कई तकनीकी खामियां है। जिस पर सरकार को विचार करना चाहिए। योगी सरकार में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। जो आने वाले समय मे सरकार और पार्टी के हित मे नही है। डॉ शर्मा ने सरकार को बताया है की, विकलांग,गम्भीर बीमारी से पीड़ित शिक्षक और सरकारी सेवा में कार्यरत पति.पत्नी के तबादले नहीं हुए। सरकार को सुझाव देते हुए लिखा की आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए ,शिक्षकों के तबादले सरकार को करना चाहिए।
योगी सरकार चल रही कल्याण सिंह की राह पर
भाजपा नेता यज्ञदत्त शर्मा ने अपने पत्र में कल्याण सिंह सरकार का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा की योगी सरकार को याद रखना चाहिए कि 1993 में कल्याण सिंह की सरकार गिरने के बाद दोबारा सत्ता में नहीं आ सकी। अगर योगी सरकार भी अपने तत्कालीन रवैए पर कायम रही तो, आने वाले समय में पार्टी उसी ओर बढ़ रही है।उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की और इन मुद्दों पर गंभीर विचार करने को कहा। पत्र में कार्यकर्ताओं की निराशा को लेकर योगी सरकार की तुलना कल्याण सिंह सरकार से करके पार्टी के भीतर खाने में डॉ शर्मा ने बैचैनी पैदा कर दी है।
By- Prasoon Pandey
Published on:
07 Jul 2018 10:11 am
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