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दलित छात्र के हत्यारे का संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में भी आया था नाम

मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह का इतिहास खंगालने में जुट गई पुलिस

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murder of Dalit student

दलित छात्र की हत्या

इलाहाबाद. दलित छात्र दिलीप सरोज हत्याकांड के बाद पुलिस मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह का इतिहास खंगालने में जुट गई है। पुलिस जांच में विजय का पुराना आपराधिक रिकार्ड सामने आया है। जिसमें पता चला हैं कि विजय शंकर का नाम संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड मंे भी आया था। वहीं अब दिलीप हत्याकांड के बाद पुलिस ने विजय की गिरफ्तारी को लेकर दबिश देना शुरू कर दी है।

मालूम हो कि शुकवार की रात कटरा स्थित रेस्टोरेंट में ईंट और लोहे के राॅड से कूच कर एलएलबी के दलित छात्र दिलीप सरोज की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। दिलीप की निर्मम हत्या का वीडियो वायरल होते ही छात्रों के साथ आम नागरिकों में भी आक्रोश व्याप्त हो गया। लोगों के आक्रोश और शहर में बवाल को देख पुलिस प्रशासन आरोपियों की तलाश में जुट गई। पुलिस अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह अब भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।

पुलिस प्रशासन के अनुसार छात्र दिलीप सरोज की हत्या का मुख्य आरोपी विजय शंकर का नाम 2005 मंे हंडिया में हुए संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में भी आया था। विजय पर हत्या की साजिश रचने का आरोप था। विजय सुल्तानपुर के पूर्व विधायक सोनू सिंह का रिश्तेदार है। हालांकि उस दौरान संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में फंसे सभी लोग बरी हो गए थे। वहीं दिलीप हत्याकांड मामले मंे विजय को पकड़ने के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है।

मारपीट के बाद विजय थाने में गया था रिपोर्ट दर्ज कराने

दिलीप हत्याकंाड मामले में एक और पुलिस की लापरवाही सामने आई है। दरअसल शुक्रवार को रेस्टोरेंट में मारपीट के दौरान विजय शंकर सिंह के कार चालक रामदीन के पैर में चोट लग गई थी। विजय अपने साथियों के साथ दिलीप को पीटने के बाद कार से रामदीन और ज्ञान प्रकाश को एक निजी अस्पताल इलाज कराने ले गया। वहां प्राथमिक उपचार कराने के बाद विजय शंकर रामदीन को लेकर कर्नलगंज थाने पहुंचा था।

उनके साथ हाईकोर्ट का एक अधिवक्ता भी था। विजय शंकर चाह रहा था कि सबसे पहले उसकी ओर से मुकदमा दर्ज किया जाए। लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। हालंाकि उस दौरान अगर पुलिस थोड़ी सक्रियता दिखाती तो आज विजय शंकर सलाखों के पीछे होता।