कोर्ट के प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को निर्देश दिया है कि वह सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान अनुकम्पा आधार पर किये जाने के संबंध में इस आदेश में की गयी टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए नीति बनायें। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने संपूर्णानंद, मनोज यादव, आफान अहमद व कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि जब तक नयी नीति नहीं बन जाती है अनुकम्पा आधार पर आवंटन की अर्जी लंबित है। गौरतलब है कि शासनादेश की धारा 10 झ में यह प्राविधान है कि जिस आवंटी की ख्याति अच्छी है उसी के आश्रित को अनुकम्पा आधार पर सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस दिया जाए। शासनादेश के इसी प्रावधान को याचिकाओं में चुनौती दी गयी थी।
BY- Court Corrospondence