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प्रयागराज: 1436 निजी स्कूलों को बेसिक शिक्षा विभाग का नोटिस, फर्जी छात्रसंख्या और अवैध सेक्शन चलाने पर सख्ती

शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और नियमों के पालन को लेकर प्रयागराज में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। जिले के हजारों निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा विभाग के पोर्टलों पर भ्रामक आंकड़े दर्ज करने और नियमों के खिलाफ अतिरिक्त सेक्शन चलाने के मामले में अब जांच की आंच तेज हो गई है।

Education news: बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रयागराज के 1436 निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया है। इन स्कूलों पर गलत सूचना देने और मान्यता से अधिक कक्षाएं या अनुभाग (सेक्शन) चलाने का आरोप है। जांच में पाया गया कि 1231 स्कूलों ने आरटीई (राइट टू एजुकेशन) पोर्टल और यू-डायस (U-DISE) पोर्टल पर कक्षा एक और नर्सरी के छात्रों की संख्या अलग-अलग दर्ज की है, जिससे संदेह पैदा हुआ है कि कुछ स्कूल फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।

इसके अलावा, 205 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने आरटीई पोर्टल पर छात्रों की संख्या तो दर्ज की, लेकिन यू-डायस पोर्टल पर वह संख्या शून्य दिखाई गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि कुछ स्कूल सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के उद्देश्य से डेटा दर्ज कर रहे हैं, जबकि हकीकत कुछ और है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) प्रवीण कुमार तिवारी ने स्पष्ट किया है कि आरटीई एक्ट के अनुसार किसी भी निजी स्कूल को बिना पूर्व अनुमति न तो नया सेक्शन खोलने की इजाजत है और न ही कोई शाखा स्कूल चलाने की।

सभी दोषी स्कूलों को चार दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है। यदि तय समय सीमा में जवाब नहीं मिला या संतोषजनक नहीं पाया गया, तो विभाग संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।


यह कदम शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। विभाग ने साफ किया है कि नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।