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कार में ले जा रहे थे दुर्लभ जानवर पैंगोलिन, शक्तिवर्धक दवा बनाने के लिए तस्करी, कीमत एक करोड़

भारत ही नहीं दुनियाभर में है सल्लू सांप की मांग, चीन में बनती है उत्तेजक दवाइयां, महंगी कीमत के लिए होती है तस्करी.

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pangolin

कार में छिपाकर ले जा रहे थे यह दुर्लभ जानवर, शक्तिवर्धक दवा बनाने के काम आता है, कीमत एक करोड़

प्रयागराज। दो दिन पहले तस्करों के कब्जे से जब्त किए गए बेशकीमती दुर्लभ जीव कीमत सुनकर लोग चौंक जाएंगे। पुलिस के मुताबिक संरक्षित जीवों की सूची में शामिल पैंगोलिन की कीमत करोड़ों में है। दरअसल उत्तेजक और शक्तिवर्धक दवाएं बनाने में उपयोग होने के कारण पैंगोलिन की दुनियाभर में बहुत मांग है। इसके चलते इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। दुनियाभर में बढ़ती मांग के कारण लोग इसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं। हाल ही में प्रयागराज पुलिस ने पूर्व सांसद के प़ुत्र को पांच लोगों के साथ कार में छिपाकर पैंगोलिन ले जाते समय पकड़ा था।

यूपी के पूर्व सांसद का बेटा पैंगोलिन की तस्करी में गिरफ्तार

जैव वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया में पैंगोलिन की करीब आठ आठ प्रजातियां अब तक मिली हैं। इसमें से चार एशिया में पाई जाती हैं। करीब इतनी ही प्रजातियां अफ्रीकी देशों में भी पाई जाती हैं। pangolin फोलिडोटा गण का स्तनधारी प्राणी है, जिसके शरीर पर केराटिन के बनी शल्क (स्केल) जैसी संरचना होती है। इसकी मदद से वह खतरे के समय अपनी हिफाजत करता है। पैंगोलिन ऐसे शल्कों वाला अकेला ज्ञात स्तनधारी है।

सल्लू सांप के नाम से पहचान

चींटीखोर इस जंतु का सिर तिकोना होता है। मटमैले दिखने वाले पैंगोलिन की त्वचा सख्त होती है और मजबूत शल्कों से घिरी रहती है। यह अपनी चिपचिपी लंबी जीभ से शिकार करता है। भारत में इसे सल्लू सांप के नाम से भी जाना जाता है। इसके मांस के अलावा इसके शल्क, हडडी, त्वचा आदि की भी तस्करी होती है और इनकी अच्छी कीमत मिलती है।

चीन में बनती हैं उत्तेजक दवाइयां

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में अब करीब 27 लाख पैंगोलिन ही रह गए हैं। भारतीय उपमहाद्वीप की बात करें तो पैंगोलिन भारत, नेपाल, श्रीलंका और भूटान के जंगली पहाड़ी और रेगिस्तानी इलाकों में मिलती है। चीन में बड़े पैमाने पर इसके मांस से पौरुष शक्ति दवाएं बनाई जाती हैं। भारत में भी इसका मांस शक्तिवर्धक के तौर पर खाने की बात सामने आती है।