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गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन ने जिले में बनाई 88 बाढ़ राहत चौकियां

प्रयागराज जिले में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि ने बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। बीते सप्ताह तक दोनों नदियों में धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ रहा था, लेकिन शुक्रवार रात से इसमें तेजी आई है।

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जिले में बनाई 88 बाढ़ राहत चौकियां

जिले में बनाई 88 बाढ़ राहत चौकियां

प्रयागराज जिले में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि ने बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। बीते सप्ताह तक दोनों नदियों में धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ रहा था, लेकिन शुक्रवार रात से इसमें तेजी आई है। गंगा का जलस्तर बीते 24 घंटों में 32 सेंटीमीटर और यमुना का जलस्तर 33 सेंटीमीटर बढ़ा है। शनिवार रात फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 77.58 मीटर, नैनी में यमुना का जलस्तर 75.69 मीटर और छतनाग में 75.27 मीटर रिकॉर्ड किया गया।

 गंगा 10 सेमी और यमुना 4 सेमी बढ़ी

शनिवार शाम चार बजे से रात आठ बजे तक ही गंगा 10 सेमी और यमुना 4 सेमी बढ़ी। जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी ने निचले इलाकों के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर कछारी क्षेत्रों में रहने वाले लोग बाढ़ की आशंका को लेकर सतर्क हो गए हैं।

प्रशासन भी पूरी तरह चौकन्ना है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने बताया कि जिले में बाढ़ से निपटने के लिए 88 राहत चौकियां बनाई गई हैं। इसके अलावा संभावित आपदा से निपटने के लिए शरणालयों की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है।

बेलन नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा

जलस्तर बढ़ने के पीछे की वजह उत्तर भारत के कई राज्यों में हो रही भारी बारिश मानी जा रही है। मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड, दिल्ली और राजस्थान में हो रही झमाझम बारिश से नदियों में पानी बढ़ा है। ये पानी यमुना में मिल रहा है। वहीं उत्तराखंड से गंगा में भी भारी बारिश का पानी आ रहा है। इसके साथ ही टोंस और बेलन नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है।

प्रयागराज में चल रहा सिक्स लेन पुल का निर्माण

इस बीच गंगा में जलस्तर बढ़ने की वजह से प्रयागराज में चल रहा सिक्स लेन पुल का निर्माण कार्य रोक दिया गया है। गंगा में तेज बहाव और कटान के कारण निर्माण स्थल पर काम करना असंभव हो गया है। शनिवार से काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और निर्माण सामग्री को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।