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प्रयागराज में 100 साल बाद गंगा पर बना नया रेल पुल, पीएम मोदी हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे पहली यात्री ट्रेन

Ganga rail bridge: यूपी के प्रयागराज में 100 साल बाद गंगा पर बनाए गए नए रेल पुल पर आज ट्रेन अपनी स्वाभाविक रफ्तार में दौड़ेगी। इसी के साथ पुराने रेल पुल को बंद भी कर दिया गया है। इसी के साथ साथ प्रयागराज से वाराणसी के बीच दोहरी लाइन बिछाने का कार्य भी पूरा हो गया है। इसपर ट्रेन की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है।13 दिसंबर को प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखा कर पहली यात्री ट्रेन रवाना करेंगे।

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Ganga rail bridge: बुधवार 11 दिसंबर को प्रयागराज के लिए एक और ऐतिहासिक दिन होने वाला है। और आज लगभग 100 साल बाद गंगा पर बनाए गए रेल पुल पर विशेष ट्रेन अपनी पूरी स्पीड के साथ गुजरेगी। इसी के साथ पुराने गंगा पुल को बंद कर दिया गया है।झूंसी से रामबाग के बीच रेल लाइन का अधूरा काम मंगलवार की देर शाम पूरा होने के साथ ही प्रयागराज से वाराणसी के बीच दोहरी लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो गया।

मंगलवार शाम को इसे मुख्य लाइन से इसे जोड़ दिया गया। अब बुधवार को झूंसी से रामबाग तक इस ट्रैक पर पहली ट्रायल ट्रेन दौडेगी। 11 दिसंबर को इसी ट्रैक पर सीआरएस (रेलवे सुरक्षा आयुक्त) का निरीक्षण होना है।इसी दौरान ट्रैक पर गति परीक्षण का कार्य भी पूरा होगा। 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ट्रेन दौड़ाने का लक्ष्य रखा गया है। सबकुछ सही होने पर सीआरएस इस रूट पर नियमित ट्रेनों के संचालन की अनुमति दे देंगे। इसके बाद 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरी झंडी दिखाकर पहली यात्री ट्रेन को रवाना करेंगे।इस

ब्रिटिश इंजीनियर के नाम पर है पुराना गंगा रेल Ganga rail bridge: सुबेदारागंज को झूसी से जोड़ने वाला पुराना गंगा पुल ब्रिटिश इंजीनियर आइजेट की निगरानी में बनाया गया था। यह पुल आज भी अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिकता के लिए जाना जाता है। ब्रिटिश शासन में बनाए गए इस पुल को आइजेट पुल के नाम से भी जाना जाता है। यह पुल प्रयागराज-वाराणसी के बीच छोटी लाइन (मीटर गेज) बिछाने के कार्य के अंतर्गत निर्मित हुआ था। इस पुल के निर्माण को उस समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया गया था, जिससे प्रयागराज और वाराणसी शहरों के बीच रेलवे यातायात को बेहतर किया जा सके।31 अक्टूबर 1912 को इस पुल पर रेल यातायात की शुरुआत हुई थी।