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तबाही मचाने को तैयार गंगा-यमुना, खतरे के निशान से 5 मीटर नीचे, जिला प्रशासन ने अलर्ट किया जारी

पिछले 24 घंटे में दोनों नदियों में प्रति घंटे 3 से 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने की वजह से गंगा, टोंस और बेलन नदियों का जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। जिसकी वजह से अब गंगा-यमुना का भी जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। दोनों नदियों में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।

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तबाही मचाने को तैयार गंगा-यमुना, खतरे के निशान से पांच मीटर दूर, जिला प्रशासन ने अलर्ट किया जारी

तबाही मचाने को तैयार गंगा-यमुना, खतरे के निशान से पांच मीटर दूर, जिला प्रशासन ने अलर्ट किया जारी

प्रयागराज: संगमनगरी में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। यमुना और गंगा नंदी में जलस्तर बढ़ने की वजह बाढ़ की स्थिति बन गई है। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। दूसरे प्रदेशों में हो रही लगातार बारिश की वजह से दोनों नदियों में जलस्तर तेजी में साथ बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में दोनों नदियों में प्रति घंटे 3 से 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने की वजह से गंगा, टोंस और बेलन नदियों का जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। जिसकी वजह से अब गंगा-यमुना का भी जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। दोनों नदियों में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।

इस रफ्तार से बढ़ रहा है जलस्तर

प्रयागराज की दोनों नदिया गंगा और यमुना 24 घंटे में एक से आधा मीटर की रफ्तार से बढ़ रहीं है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के बाद स्थानीय बारिश का भी प्रयागराज में असर है। अधिक बारिश होने के कारण हरिद्वार, नरोरा के साथ ही कानपुर बांधों से पानी छोडऩे का सिलसिला भी जारी है। तीन चरणों में हरिद्वार, नरोरा और कानपुर से पानी गंगा में छोड़ा जा चुका है।

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निगरानी के लिए तैयार हुआ सरकारी अमला

प्रयागराज में गंगा-यमुना दोनों नदियों में पिछले हफ्ते से जलस्तर में बढ़ोत्तरी को लेकर बाढ़ नियंत्रण विभाग और जिला प्रशासन की टीम अब निगरानी में लग गए। हर वर्ष की भांति इस वर्ष बाढ़ की संभावना अधिक है जिसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गई है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर जलस्तर बढ़ने के बाद तीर्थ पुरोहित अपने तख़्त सामान समेटकर पीछे आने लगे हैं। इसके साथ ही दुकान लगाने वाले दुकानदार भी पीछे हटने लगे हैं। पानी बढ़ने के कई घाट डूब गए हैं।