
फाइल फोटा
प्रयागराज. मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय रामपुर में बिना सर्च वारंट छापा डालने के खिलाफ याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है और डीएम, एसएसपी को नोटिस जारी की है। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति एस.एस. शमशेरी की खंडपीठ ने दिया है। याची अधिवक्ता सफदर काजमी का कहना है कि विश्वविद्यालय में पुलिस ने बिना अधिकार के छापा मारा और चोरी की किताबें बरामद करने का दावा किया है।
याची का कहना है कि चान्सलर आजम खां से राजनितिक वैमनस्यता के कारण कार्यवाही की जा रही है। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह का कहना है कि पुलिस ने चोरी की एफआईआर की विवेचना के तहत मजिस्ट्रेट के साथ छापा डाला और चोरी का सामान भी बरामद किया है। सारी कार्यवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत की गयी है। कोर्ट ने सरकार व पुलिस को कानून के तहत ही कार्य करने की नसीहत दी है। अपर महाधिवक्ता ने कहा कि विवेचनाधिकारी को बिना सर्च वारंट के परिसर की तलाशी लेने का अधिकार है। मजिस्ट्रेट की अनुमति से कार्यवाई की गयी है।
By Court Correspondence
Published on:
07 Aug 2019 08:23 am
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