हाईकोर्ट ने कहा कि सजा सुधारात्मक होनी चाहिए जिससे व्यक्ति सामाजिक जीवन की मुख्यधारा में लौट सके। भारतीय कानून प्रणाली के तहत एक दोष सिद्ध व्यक्ति को भी अध्ययन करने और जेल से परीक्षा में शामिल होने का अधिकार है, जिससे वह सामाजिक जीवन की मुख्यधारा से जुड़ सके। शिक्षा के क्षेत्र में जुड़े रहने नैतिक ज्ञान बढ़ती है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने छात्र आदिल खान की याचिका पर दिया है। याचिका की सुनवाई 11 अगस्त को होगी।
प्रयागराज•Aug 06, 2022 / 09:00 am•
Sumit Yadav
इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: जेल में बंद कैदी को पढ़ाई और परीक्षा देने का है अधिकार
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