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हाईकोर्ट ने पूछा, सेक्स रैकेट को संरक्षण दे रहे राजनेता व वीआईपी कौन ?

देवरिया शेल्टर होम कांड की सीबीआई जांच होगी हाईकोर्ट की निगरानी में

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allahabad High court on deoria shelter home case

इलाहाबाद हाईकोर्ट और देवरिया शेल्टर होम

-न्यायमूर्ति डी.बी. भोंसले, मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद. देवरिया शेल्टर होम कांड पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने सरकार के साथ ही पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए। पूछा आखिरकार किसके संरक्षण में शेल्टर होम में सेक्स रैकेट चल रहा था। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि सीबीआई जांच उसकी देखरेख में ही होगी।

यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.बी भोंसले व न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने स्वतः प्रेरित एवं स्त्री अधिकार संगठन की तरफ से दाखिल जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है।


कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि सेक्स रैकेट को राजनेताओं व वीआईपी के मिल रहे संरक्षण का पता लगाएं। आखिर दो कारें रोज निकेतन आती थीं, बच्चियों को बाहर ले जाती थीं और सुबह वापस छोड़ जाती थीं, किसकी हैं। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा है कि जब नारी निकेतन को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था और सरकारी अनुदान बंद कर दिया गया था तो पुलिस लड़कियों को इसी सेन्टर में क्यों रखवाती थी। पुलिस के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने इतने बड़े अमानवीय कृत्य में केवल चार अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई को संतोषजनक नहीं माना।


राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने की संस्तुति केन्द्र सरकार को कर दी है। साथ ही सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए एसआईटी गठित कर दी है।

इस मामले में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए एडीजी गोरखपुर को लगाया गया है। पुलिस की कार्यप्रणाली की जांचकर कार्रवाई की जाएगी। त्रिपाठी ने बताया कि सेल्टर होम अवैध रूप से चल रहा था। 2017 में ही लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। सेन्टर में 48 लड़कियां थीं, 23 की बरामदगी की गई, 14 को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया। अभी भी सात लड़कियां लापता हैं। संचालिका को गिरफ्तार किया गया है।

कोर्ट ने सीबीआई अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश से केंद्र के आदेश की जानकारी लेने को कहा है। कोर्ट ने वीआईपी के रैकेट के पीछे हाथ होने का पता लगाने पर बल दिया। मामले की प्राथमिकी प्रभात कुमार ने दर्ज करायी है। कोर्ट ने सोमवार 13 अगस्त को मांगी गयी जानकारी देने को कहा है।