24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पति को गायब करवा दिया, बेटे पर फायरिंग, फिर भी नहीं डरी, अतीक के आंतक से लोहा लेती रही जयश्री कुशवाहा

Atiq Ahmed News: साल 1889 में अतीक अहमद ने प्रयागराज के झलवा इलाके में साढे बारह बीघे जमीन पर कब्जा कर लिया था। यह जमीन बृजमोहन उर्फ बच्चा कुशवाहा की थी। उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें ही गायब करवा दिया।

3 min read
Google source verification
jai_shree_kushwaha.jpg

जय श्री कुशवाहा 33 साल से अपनी जमीन वापस पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं।

Atiq Ahmed News: एक समय था जब प्रयागराज में अतीक अहमद की तूती बोलती थी। उस समय अतीक अहमद ने जय श्री कुशवाहा के साढ़े बारह बीघा जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया था। जय श्री ने जब इसका विरोध किया तो रातों रात उनके पति को गायब करवा दिया। उनके भाई प्रहलाद कुशवाहा को कंरट लगाकर मार दिया गया। बेटे पर फायरिंग हुई और घर में घुसकर कई बार उनके परिवार को पीटा गया। इस महिला का नाम सूरजकली कुशवाहा उर्फ जयश्री।

इसके बाद भी जय श्री कुशवाहा ने हिम्मत नहीं हारी। वह 33 सालों से अतीक अहमद के खिलाफ कानूनी लड़ाई रही हैं। शायद वह इसी उम्मीद में है कि एक दिन अतीक के आतंक का अंत होगा और उन्हें न्याय मिलेगा। आखिरकार अतीक और उनके भाई अशरफ की शनिवार को कल गोली मारकर हत्या कर दी गई। जय श्री को कानूनी न्याय नहीं मिला है लेकिन माफिया को जमींदोज होते देख शायद उनका कलेजा ठंडा हो गया हो।

यह भी पढ़ें: UP का वो 'डॉन' जिसके खौफ से थरथराती थीं सरकारें, तांगेवाले का बेटा अतीक अहमद कैसे बना माफिया

15 साल से गायब हैं बृजमोहन उर्फ बच्चा कुशवाहा
जय श्री कुशवाहा के पति को गायब हुए 15 साल हो चुके हैं। कानून यह कहता है कि अगर कोई व्यक्ति 10 साल से ज्यादा से गायब रहता है तो उसे मृत मान लिया जाता है। प्रयागराज के धूमनगंज इलाके के झलवा की रहने वाली जयश्री के पति बृजमोहन कुशवाहा के पास 12 बीघा से अधिक जमीन थी। इस पर खेती होती थी जिससे परिवार का पालन- पोषण चलता था। लेकिन एक दिन सब कुछ बदल गया। जय श्री के पति गायब हो गए और जमीन पर अतीक का कब्जा हो गया।

सहकारी समिति के नाम पर दर्ज हो गई जमीन

जय श्री मीडिया से बात करते हुए कहती हैं कि अतीक का करीबी लेखपाल एक दिन उनके पास आया और बताया कि आपकी जमीन शिवकोटी सहकारी आवास समिति के नाम पर दर्ज हो गई है। अतीक ने इसमें दो लोगों को सचिव बनाया और इस जमीन को बेचना शुरू कर दिया।

जय श्री ने बताया ने कि जब उसने इसका विरोध किया तो अतीक ने उन्हें और उनके परिवार को धमकाना शुरू कर दिया। जमीन को कब्जा हए देख जय श्री ने गांव वालों की सहायता मांगी और अपनी जमीन वापस पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

यह भी पढ़ें: यूपी एसटीएफ ने कैसे ट्रेस की असद अहमद और गुलाम की लोकेशन, ये है पूरी कहानी

30 सालों में 7 बार हुआ हमला
जय श्री ने बताया कि अतीक ने उन्हें अपने ऑफिस बुलाकर ले- देकर मामला शांत करने को कहा। लेकिन उन्होंने अतीक के ऑफर को ठुकरा दिया था। इसके बाद अतीक के गुर्गों ने कई बार घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की। उसके गुर्गे उन्हें लगातार धमकी देते रहे। जय श्री बिना डरे अतीक से मुकाबला किया।

जय श्री अपने भाई प्रह्लाद कुशवाहा की करेंट लगने से हुई मौत के लिए भी अतीक अहमद को जिम्मेदार ठहराती हैं। उनका कहना है कि बीते 30 सालों में उनपर 7 बार हमला हुआ। साल 2016 में उनके घर के सामने बेटे और परिवार पर हमला हुआ। इसमें उनके बेटे को गोली लगी थी। लेकिन, बेटे की जान बच गई।

पहली बार दर्ज हुई एफआईआर
जयश्री के अनुसार वह कई सालों तक कोर्ट और थाने के चक्कर काटती रहीं। लेकिन, अतीक के खिलाफ कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही थी। थाने में एफआईआर तक नहीं लिखी जा रही थी। साल 1991 में उन्हें अतीक के खिलाफ पहली एफआईआर करवाने में कामयाबी हासिल हुई। साल 2001 में आरोपों को निराधार बताकर केस बंद कर दिया गया।

बसपा सरकार में जयश्री को मिली बड़ी सफलता

साल 2007 में प्रदेश में जब बसपा की सरकार बनी तब जयश्री को एक बड़ी सफलता मिली। जमीन की कार्बन सेलिंग रसीद नहीं मिलने के चलते सहकारी आवास समिति के नामांतर को निरस्त कर दिया गया और जमीन को उनके नाम दर्ज कराया गया। मामले में जांच हुई और 2005 में तहसीलदार का फर्जीवाड़ा सामने आया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव से पहले जयंत को झटका, आरएलडी अब नहीं रही राज्यस्तरीय पार्टी, जानिए कैसे मिलता है ये दर्जा