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जवाहर पंडित हत्याकांड में करवरिया बंधु को आजीवन कारावास की सजा

23 साल पहले हुई थी हत्या पांच साल से जेल में बंद है करवरिया बंधु

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Karwaria sentenced to life imprisonment in Jawahar Pandit murder case

जवाहर पंडित हत्याकांड में करवरिया बंधु को आजीवन कारावास की सजा

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड मामले में सोमवार को बड़ा दिन रहा। 23 साल पहले हुई सपा विधायक की हत्या में भाजपा के पूर्व विधायक उदय भान करवरिया सहित पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया और पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया सहित राम चन्द्र मिश्रा कल्लू महराज को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 7 लाख 20 हजार का अर्थदंड लगाया हैए इस मामले में आरोपी भुख्खल महाराज की पहले ही मौत हो चुकी है। इस हत्याकांड में जवाहर पंडित के भाई सुलाखी यादव ने पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया था।

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प्रदेश भर में रही चर्चा
23 साल पहले हुई हत्या में 17 बरस बीत जाने के बाद 1 जनवरी 2013 को उदय भान करवरिया को सरेंडर करना पड़ा था। इसके बाद तीनों अन्य आरोपियों को जेल भेजा गया। पांच साल चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद अदालत ने 31 अक्टूबर को 23 साल 2 महीने 18 दिन बाद फैसला सुनाते हुए करवरिया बंधुओं को दोषी करार दे दिया था। दोषी ठहराए जाने के बाद अदालत में सोमवार का दिन सजा के ऐलान के लिए मुकर्रर किया। जिसको लेकर सुबह से गहमागहमी का माहौल रहा। जिला कचहरी में समर्थकों की नाराजगी को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क थाए जिला कचहरी के सभी मार्गों को डायवर्ट कर दिया गया था। पीएसी सहित स्थानीय पुलिस तैनात रही। पुलिस के आला अधिकारियों ने मोर्चा संभाला। शहर भर में अदालत के आदेश की चर्चा रही।

कचहरी में रहा गहमागहमी का माहौल
करवरिया बंधु लगभग तीन बजे कचहरी पहुंचे। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच करवरिया बंधुओं को अदालत में पेश किया गया। सजा के ऐलान से पहले करवरिया बंधुओं का मेडिकल चेकअप हुआ। फिर उन्हें अदालत में पेश किया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में समर्थक इकट्ठे रहे। लगभग 40 मिनट तक जज के सामने करवरिया बंधु मौजूद रहे इस दौरान जज ने अर्थ दंड सहित आजीवन कारावास की सजा का ऐलान किया। सजा ऐलान होने के कुछ देर बाद तक चारों लोग अदालत में खड़े रहे फिर अपने वकील के साथ बाहर निकले।

मजबूत सिपाही हूं वापस आऊंगा
करवरिया बंधुओं के बाहर निकलते ही समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा। सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू की। जिस पर पूर्व विधायक उदयभान करवरिया ने समर्थकों को शांत कराया और कहा कि मैं कमजोर सिपाही नहीं हूं। मैं वापस आऊंगा मैं जनता की सेवा करूंगा मैं अपराधी नहीं हूं । मैंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाऊंगा और मुझे उम्मीद है कि मुझे वहां से न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिला न्यायालय में यह फैसला हमारी प्रोफाइल के हिसाब से किया गया है। इसमें मेरिट को आधार नहीं बनाया गया है।

प्रोफाइल पर तय हुई सजा
उन्होंने कहा कि हम तीन भाई राजनीतिक जीवन में है। बड़ा भाई पूर्व सांसद रहा छोटा पूर्व एमएलसी और मैं पूर्व विधायक रहा। इस प्रोफाइल को देखकर सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुझे दोषी करार दिया गया है। उनका खुद का परिवार अपराधी है। जिस हत्या के मामले में सजा सुनाई गई है। उनके ऊपर तमाम केस दर्ज थे। जबकि उसके एवज में हम तीनों भाइयों पर एक भी मुकदमा इसके अतिरिक्त दर्ज नहीं है। उदय भान करवरिया ने कहा कि मैं वापस आऊंगा और मैं जनता की सेवा करूंगा ।उन्होंने कहा कि मैं अपने परिवार अपने शुभचिंतकों और अपने समर्थकों से अपील करता हूं कि वह इस निर्णय से निराश ना हो। हिम्मत ना हारें न्याय होगा और हम वापस आएंगे।उदयभान करवरिया ने कहा कि मेरे खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र रचा गया जिसका यह परिणाम है। षड्यंत्रकारियो का नाम पूछने पर उन्होंने कहा कि यह नाम में पहले ले लिया होता तो शायद ये नहीं हो पाता। उन्होंने कहा जो लोग मिठाई बांट रहे हैं वहीं षड्यंत्रकारी है।

सरकार से बड़ी है अदालत
पूर्व विधायक विजमा यादव ने करवरिया बंधुओं की सजा के ऐलान के बाद कहा कि भगवान के घर देर हैए अंधेर नहीं । उन्होंने कहा कि यकीन हुआ कि सरकार बड़ी नहीं होती अदालत बड़ी होती है । ये आज इस फैसले ने साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने अपने छोटे.छोटे बच्चों के साथ अपनी जिंदगी किस तरह बिताई है यह मैं जानती हूं। मुझे देश दुनिया के बारे में नहीं पता था। 23 साल के संघर्ष के बाद आज मुझे जीत मिली है। इसके लिए उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने भी हमारी बहुत मदद की। हमारी हिम्मत नहीं टूटने दी। भावुक मन से विजमा यादव ने न्यायालय का धन्यवाद दिया और कहा कि जिस दर्द को हम 23 बरस तक झेलते चले आ रहे थेए आज उससे थोड़ा मन हल्का हुआ है। उन्होंने कहा कि जो तकलीफ हमने आज के 23 बरस पहले झेली थी आज वही दूसरों को झेलनी पड़ रही है तब उन्हें एहसास होगा कि तकलीफ और दर्द क्या होता है।